High Court : कोर्ट ने एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया, याचियों को पड़ी भारी
Allahabad High Court Order : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राथमिकी रद्द करने की मांग बांदा के याचियों पर भारी पड़ी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचियों पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाया और हर्जाने की रकम को एक महीने के भीतर महानिबंधक कार्यालय को जमा करने का आदेश दिया।
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिरला और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की खंडपीठ ने उमाकांत और दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर याची एक महीने में हर्जाने की रकम नहीं जमा करते तो महानिबंधक बांदा डीएम को सूचित कर भू-राजस्व से वसूल कराएंगे।
इसके बाद हर्जाने की रकम को विधिक सेवा समिति के खाते में जमा कर दी जाएगी। इस कार्रवाई को तीन महीने में पूरी की जाए। याचियों ने कोर्ट के समक्ष जबरन वसूली करने, मारपीट और धमकी देने के आरोप में बांदा जिले के बबेरू थाने में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी। उनका यह कहना था कि उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है। क्योंकि उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं है।
अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम रतन सिंह ने कोर्ट को बताया कि याचियों की ओर से दाखिल दस्तावेज जांच में फर्जी पाए गए हैं। इसी आधार पर याचियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। कोर्ट ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर याचिका दाखिल करने वाले याचियों पर नाराजगी जताते हुए आदेश दिया।