Jaipur: सेवानिवृत्त आरएएस और प्रॉपर्टी व्यवसायी की नजदीकी से वरिष्ठ आईएएस संदेह के घेरे में
Jaipur : जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और मनी लॉंड्रिंग की कार्रवाई ने प्रदेश की राजनीति और नौकरशाही में हड़कम्प मचा रखा है। शुक्रवार को छापी कार्रवाई में करीब ढाई करोड़ रुपए नकद और सोना मिलने के बाद यह साफ हो गया है कि आने वाले समय में बड़ा खुलासा हो सकता है।
जिनके यहां छापा पड़ा उनमें राज्य के केबिनेट मंत्री महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया भी शामिल है। बहरोड़ सहित कई सरकारी कार्यालय में ईडी को ताले लगे मिले। इसके बाद ईडी ने ताले तोड़ कर सर्च की और वहां नए ताले लगाकर नोटिस चस्पा किया है।
ईडी के छापे अधिकतर उन अधिकारियों ओर ठेकेदारों के ठिकानों पर पड़े, जिनके खिलाफ कुछ दिन पहले एसीबी ने कार्रवाई की थी। माधोसिंह सर्कल निवासी सेवानिवृत्त आरएएस अमिताभ कौशिक के घर ईडी को करीब डेढ़ करोड़ रुपए के साथ एक किलो सोना मिला है।
सोने की बिस्किट पर विदेशी मुहर लगी है। इसी तरह सोढ़ाला में जेडीए के तहसीलदार सुरेश शर्मा के यहां 75 लाख रुपए मिले। खातीपुरा में ठेकेदार ओमप्रकाश विश्वकर्मा के यहां कई दस्तावेज बरामद किए गए। हनुमान नगर निवासी कल्याण सिंह कविया के यहां जमीनों के दस्तावेज मिले।
अमिताभ कौशिक एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के नजदीकी है। कौशिक एक वरिष्ठ आईएएस के खासा नजदीकी बताए जाते हैं। प्रॉपर्टी व्यवसायी कल्याण सिंह भी उनके ही नजदीकी बताते हैं। जल जीवन मिशन में पानी की पाइप लाइन की खरीद के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
साथ ही टेंडर वाली कंपनियों के बैंक ग्राउंड की जांच भी हो रही है। जल जीवन मिशन में ईडी की एंट्री से पहले ही एसीबी ने जल जीवन मिशन से जुड़ी हुई 177 से अधिक मेजरमेंट बुक जब्त की थीं। एसीबी ने 7 अगस्त की रात को एक्सईएन मायालाल सैनी, एईएन राकेश चौहान, जेईएन प्रदीप, ठेकेदार पदम चंद जैन और उसकी फर्म के कर्मचारी मलकेत सिंह व प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया था।
दो दर्जन से अधिक इंजीनियर्स को तलब कर उनसे दस्तावेज लिए जा चुके हैं। ठेकेदार पदमचंद जैन की गिरफ्तारी के बाद जल जीवन मिशन से जुड़े हुए कई महत्वपूर्ण दस्तावेज एसीबी ने जब्त किए थे। अब ऐसे में ईडी जांच के लिए एसीबी से दस्तावेज मांग सकती है।