Jhansi News: मानवता हुई शर्मशार, 25 साल बाद गांव लौट रहे बुजुर्ग की रास्ते में हो गई मौत, परिजनों ने लाश लेने से किया इन्कार
Jhansi News: पूरी जिंदगी काम और अपने सपनों को जीने के बाद हर इंसान अपना आखिरी वक्त अपनों के साथ बिताना चाहता है। ऐसे ही कुछ ख्वाब लिए एक वृद्ध 25 साल बाद छत्तीसगढ़ से अपने गांव झांसी के लालनपुरा के लिए निकला। सालों बाद अपनों के बीच जाने की खुशी लिए बुजुर्ग अपनी यात्रा तय कर रहा था।
बुजुर्ग का गांव जाने का सपना अधूरा रह गया और गांव तक जाने का ये सफर बीच में ही थम गया। 25 साल बाद छत्तीसगढ़ से अपने गांव झांसी के लालनपुरा के लिए निकला था। लेकिन झांसी रेलवे स्टेशन पर ही वृद्ध की सांस टूट गई। प्लेटफार्म पर शव मिलने के बाद जब जीआरपी ने परिजनों को फोन किया तो उन्होंने भी साथ छोड़ दिया।
परिजनों ने वृद्ध से सारे-रिश्ते नाते तोड़कर शव लेने से इनकार कर दिया। रविवार दोपहर 3:30 बजे कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4/5 पर एक बुजुर्ग दिल्ली एंड पर बेहोश पड़ा है।
सूचना मिलते ही डिप्टी एसएस वाणिज्य एसके नरवरिया, रेलवे के चिकित्सक, जीआरपी उप निरीक्षक शिव स्वरूप और आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे। डॉक्टर ने बुजुर्ग का परीक्षण किया तो पता चला कि उसकी मौत हो गई है।
इसके बाद जेब से मिले जनरल टिकट और आधार कार्ड से जानकारी मिली कि वह मोंठ थाना क्षेत्र के लालनपुरा का रहने वाला है। टिकट देखकर पता चला कि वृद्ध छत्तीसगढ़ के चांपा से झांसी के लिए यात्रा कर रहा था। जीआरपी ने इस बात की सूचना वृद्ध के परिजनों को दी।
परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया। परिजनों ने कहा कि हम दूर के रिश्तेदार हैं और मृतक राकेश श्रीवास्तव की शादी नहीं हुई थी। ऐसे में हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। जीआरपी ने अब मृतक का शव मेडिकल कॉलेज को सौंपा है।
मृतक के दोस्त ने बताया कि वह 25 साल पहले छत्तीसगढ़ के चांपा में बस गए थे। कुछ दिन पहले राकेश से उनकी बात हुई थी। फोन पर राकेश ने बताया था कि वह अपनी बची हुई जिंदगी अपनों के बीच बिताना चाहता है।