Kuldeep Jaghina: गैंगस्टर जघीना हत्याकांड में आया नया मोड़, आरोपी बोला था मेरी हत्या होगी, फिर भी बस से भेजा कोर्ट
kuldeep jaghina: आगरा-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित आमोली टोल प्लाजा पर रोडवेज बस में न्यायिक अभिरक्षा में गैंगस्टर कुलदीप जघीना की हत्या के मामले में नया मोड़ सामने आ रहा है। न्यायालय डकैती प्रभावित क्षेत्र के स्पेशल पीपी के स्पेशल मेल पर गैंगस्टर कुलदीप को जयपुर से भरतपुर लाया जा रहा था, जहां रास्ते में उसकी ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई। खास बात यह है कि इस संबंध में कोर्ट ने आरोपी को बुलाने के लिए कोई टिप्पणी नहीं की थी।
कोरोना काल के दौरान ज्यादातर बंदियों की सुनवाई वीसी (वीडियो कान्फ्रेंसिंग) के जरिए करने के आदेश हैं। कुलदीप जघीना, उसके पिता कुंवरजीत व सह आरोपी विजयपाल को व्यक्तिगत कोर्ट में पेश होने के लिए कोर्ट ने नहीं कहा था, जबकि विशिष्ट लोक अभियोजक ने पहले जयपुर जेल अधीक्षक को फोन किया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश करने भेजा जाए।
इस पर जेल अधीक्षक ने स्पेशल पीपी से इस संबंध में मेल करने को कहा। स्पेशल पीपी के मेल करने के बाद ही आरोपी कुलदीप एवं विजयपाल को भरतपुर लाया जा रहा था। हुआ यूं कि 28 जून 2023 को कोर्ट में पेशी के बाद न्यायाधीश ने आरोपियों के कहने पर उन्हें अगली तारीख पर वीसी के जरिए पेश होने का मौखिक आदेश दिया था।
इसके बाद 7 जुलाई 2023 को विशिष्ट लोक अभियोजक डकैती प्रभावित क्षेत्र भरतपुर ने केंद्रीय कारागार जयपुर के अधीक्षक को लिखा है। इसमें लिखा है कि संबंधित केस नंबर की तारीख 12 जुलाई 2023 नियत की गई है। यह गंभीर प्रवृति का केस है। इसमें नियत तारीख में चार्ज लगाना सुनिश्चित किया गया है। आरोपी कुलदीप उर्फ गोरू, विजयपाल व कुंवरजीत को नियत तारीख को न्यायालय के समक्ष उपस्थित किए जाएं।
विशिष्ट लोक अभियोजक के खिलाफ दी तहरीर - गैंगस्टर कुलदीप जघीना के परिजनों की ओर से हलैना थाने में दी गई तहरीर में कहा है कि मृतक कुलदीप ने पेशी पर जयपुर से आने में पहले ही खतरा बताया था, जिसका प्रार्थना पत्र न्यायालय में पेश किया था। गत तारीख पेशी 28 जून को कुलदीप की ओर से न्यायालय को मौखिक रूप से घटना की आशंका जताई थी तथा वीसी से पेशी कराने को कहा था।
तहरीर में उल्लेख किया है कि यह घटना सभी आरोपियों की ओर से पूर्व नियोजित योजना के तहत योजनाबद्ध तरीके से षड्यंत्रपूर्वक पेशी पर विशिष्ट लोक अभियोजक अभिषेक जैन की ओर से बुलाकर पेशी पर आते समय घटना को अंजाम दिया। आरोप है कि षड्यंत्र में अजब सिंह पुत्र गोविंद सिंह निवासी तीन थोक जघीना भी शामिल है, जो कि एसओजी में कांस्टेबल है।
नियम यह ... लेकिन जेल से निकालने को रचा खेल - एक न्यायिक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जब भी किसी अभियुक्त को पेश करना आवश्यक होता है तो न्यायाधीश की ओर से वारंट पर लाल रंग के पेन से अंकित किया जाता है कि किस केस में किस अपराधी को किस कारण से न्यायालय में व्यक्तिगत उपस्थित होना जरूरी है। न्यायाधीश की ओर से टिप्पणी की जाती है। इसके बाद पेशगार की ओर से तारीख पेशी के लिए वारंट भेजा जाता है, लेकिन इस केस में सामान्य तरीके से पूर्व की भांति ही वारंट भेजा गया था।
12 जुलाई को कोर्ट में यह हुआ - 91 जाब्ता फौजदारी की एक अभियुक्त ने दरख्वास्त लगाई। इसमें चार सितंबर 2022 को जिस समय कृपाल सिंह जघीना का मर्डर हुआ था उस दिन आदित्य, पंकज व लोकेंद्र की मोबाइल लोकेशन मांगी गई, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
मुलजिम मोना ने दरख्वास्त में कृपाल सिंह जघीना मर्डर केस की सीसीटीवी फुटेज व पेन ड्राइव मांगी, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दिया। आदेश दिया कि सभी अभियुक्तों को जरिए वीसी पेश किया जाए। केंद्रीय कारागार सेवर के जेल अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा कि मुलजिमों के वारंट न्यायालय में क्यों नहीं भेजे गए।
कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कराया था कुलदीप का सरेंडर - 13 फरवरी 2018 को कुलदीप जघीना ने नगर निगम में मनोनीत पार्षद गोविंद सिंह पर हमला कर दिया था। इसमें रंगदारी मांगने का आरोप लगाते हुए मथुरा गेट थाने पर मामला दर्ज कराया गया था। जबकि इस वारदात का वीडियो भी खुद कुलदीप ने फेसबुक पर वायरल कर दिया था।
15 फरवरी को एसपी ने हिस्ट्रशीटर पर पांच हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। इसके बाद एनकाउंटर के डर से कुलदीप ने डीग-कुम्हेर विधायक व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के माध्यम से पुलिस के सामने 26 फरवरी 2018 को आत्मसमर्पण किया था। कुलदीप के खिलाफ जयपुर के ज्योति नगर थाना, सेवर व कोतवाली थाने में एक-एक, मथुरा गेट थाने में आठ, उद्योगनगर थाने में चार मुकदमे दर्ज हैं।
भाजपा-कांग्रेस के नेताओं से जुड़ा था कृपाल जघीना - चार सितंबर 2022 को जिस भाजपा नेता कृपाल सिंह जघीना की हत्या की गई। वो भी कांग्रेस व भाजपा नेताओं से जुड़ा हुआ था। भाजपा सांसद रंजीता कोली की सिफारिश पर उसे रेलवे सलाहकार समिति का सदस्य बनाया गया था। बेटी के आरडी गल्र्स कॉलेज छात्रासंघ अध्यक्ष बनने के बाद राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग से भी जुड़ा रहा। इसके अलावा लंंबे समय तक कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के संपर्क में भी रहा था। कृपाल के खिलाफ भी विभिन्न थानों में १५ मामले दर्ज थे।