NH-56 Scam: भ्रष्ट अधिकारियों पर केस : NH-56 Scam में दो SDM पर केस, 3 गुना अधिक मुआवजा बांटने का लगा आरोप

 
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उत्तर प्रदेश में अमेठी में दो बाईपास निर्माण के लिए की गई जमीन अधिग्रहण में 382 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े एनएच-56 घोटाले में भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई की गई है।

प्रदेश के अमेठी जिले में नेशनल हाईवे-56 में 382 करोड़ के घोटाले में तत्कालीन दो एसडीएम पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

NH-56 Scam: लखनऊ-वाराणसी हाईवे (एनएच 56) से जुड़े दो बाईपास के लिए जमीन अधिग्रहण में तीन गुना से अधिक मुआवजा बांटने के मामले में अब शिकंजा कसना शुरू हो गयाहै। 382 करोड़ रुपये के घोटाले में बुधवार को मुसाफिरखाना के दो तत्कालीन एसडीएम आरडी राम व अशोक कुमार कनौजिया के खिलाफ बुधवार को मुकदमा दर्ज कराया गया है।

केंद्र सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद वर्ष 2014 में एनएच-56 के चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी। निर्माण से पहले एनएचएआई के अनुरोध पर राजस्व विभाग ने सड़क चौड़ीकरण के अलावा जगदीशपुर व मुसाफिरखाना में कस्बे से बाहर बाईपास का सर्वे किया।

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सर्वे के बाद अफसरों ने गलत तरीके से कृषि योग्य भूमि का मुआवजा सर्किल रेट का चार गुना निर्धारित करने के बजाय एनएच से सटी जमीन (इसका सर्किल रेट कई गुना अधिक) के बराबर निर्धारित कर दिया।

मुआवजा निर्धारण व वितरण में गड़बड़ी सामने आने के बाद डीएम द्वारा इसकी जांच कराई गई तो घोटाला सामने आया। मुसाफिरखाना तहसील में दो बाईपास के लिए अवार्ड व मुआवजा वितरण की कार्रवाई एसडीएम आरडी राम के कार्यकाल में शुरू हुई।

आरडी राम 23 फरवरी 2015 से 18 सितंबर 2015 तक मुसाफिरखाना के एसडीएम रहे। इसके बाद 19 सितंबर 2015 को अशोक कुमार कनौजिया की तैनाती हुई और वह 25 मार्च 2016 तक एसडीएम रहे।

जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। शासन के आदेश पर रजिस्ट्रार कानूनगो सुरेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने थाने में तहरीर देकर 382 करोड़ रुपये की शासकीय क्षति के लिए तत्कालीन एसडीएम आरडी राम व अशोक कुमार कनौजिया के अतिरिक्त अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

इनमें एक एसडीएम रिटायर्ड हो चुके हैं, वहीं एक शासन में तैनात हैं।

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