O P Rajbhar: ओम प्रकाश राजभर का विवादित बयान, स्वामी प्रसाद मौर्य को कहा साइकिल चोर

 
O P Rajbhar
Whatsapp Channel Join Now
वह चर्चा में बने रहने के लिए और समाजवादी पार्टी को साफ करने के लिए ऐसे बयान देते रहते हैं।

O P Rajbhar: देवरिया पहुंचे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकार राजभर आज स्वामी प्रसाद मौर्य पर काफी हमलावर दिखे। खुद को स्वामी द्वारा सत्ता लोलुप बोले जाने पर उन्होंने कहा कि साइकिल चोर दूसरे को भी साइकिल चोर समझता है।

ओपी राजभर ने कहा कि ''स्वामी प्रसाद मौर्य चार बार बसपा में मंत्री रहे, भाजपा में क्यों गए। भाजपा में गए तो फिर समाजवादी पार्टी में क्यों गए। कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य, समाजवादी पार्टी को गर्त में ले जाने के लिए बयान देते रहते हैं। कभी उनके बयान में यह नहीं होगा कि एक देश, एक राशन कार्ड बना तो एक देश एक समान शिक्षा का कानून क्यों नहीं बना।''

O P Rajbhar

ओपी राजभर ने कहा कि ''स्वामी प्रसाद कभी 27 परसेंट आरक्षण बंटवारे की बात नहीं करते हैं। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने की बात कभी नहीं करते है। सच्चर आयोग की रिपोर्ट की बात कभी नहीं करेंगे।

वह रंगनाथ मिश्रा कमेटी की सिफारिशों पर चर्चा नहीं करेंगे। वह चर्चा में बने रहने के लिए और समाजवादी पार्टी को साफ करने के लिए ऐसे बयान देते रहते हैं। वहीं ओपी राजभर ने सीटों के बंटवारे और कितने सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, इस सवाल को हंसते हुए टाल दिया।

O P Rajbhar

कहा कि इसमें अभी समय है। दरअसल सुभासपा अध्यक्ष जिले में आयाेजित वंचित शोषित जागरण जनसभा में शिरकत करने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि ''एनडीए में शामिल सभी पार्टियां अपने-अपने वोटरों में ताकत पैदा कर रही हैं। मैं भी इसीलिए देवरिया आया हूं।

इस दौरान उन्होंने कहा कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी। अब तक पिछड़े, दलितों के नाम पर बनने वाली सरकारों ने ही सबसे ज्यादा छल पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यकों के साथ किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस के ड्यूटी के घंटे निश्चित नहीं हैं, लेकिन उनको साइकिल भत्ता दो सौ रुपए मिलता था।''

O P Rajbhar

मैंने सड़क से सदन तक इनकी मांग को मुख्यमंत्री जी के सामने रखा तो मुख्यमंत्री जी ने 333 रुपए कर दिया। मैंने कहा मुख्यमंत्री जी साइकिल नहीं मोटरसाइकिल भत्ता तीन हज़ार कीजिए, उन्होंने अब 5 सौ रुपए मोटर साइकिल भत्ता कर दिया।

यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक भत्ता 3 हजार रुपए न हो जाए। सदन में नेता अपना वेतन और भत्ता बढ़ाने के लिए एक साथ हाथ उठाते हैं। जब पुलिस के भत्ते की बात आती है तो उनके हाथ में लकवा मार जाता है।'

O P Rajbhar

O P Rajbhar

O P Rajbhar

O P Rajbhar