Punjab News: रोपड़ जेल में मुख्तार अंसारी को मिला था VIP ट्रीटमेंट, अब भगवंत मान ने बिल भरने से किया इनकार
![Punjab News: Mukhtar Ansari got VIP treatment in Ropar Jail, now Bhagwant Mann refused to pay the bill](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/bb44810563f7abadeecefe4e36ee8ea7.webp?width=963&height=520&resizemode=4)
Punjab News: गैंगस्टर अतीक अहमद के बाद उत्तर प्रदेश का एक और माफिया-राजनीतिज्ञ मुख्तार अंसारी सुर्खियों में है। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा रोपड़ जेल में गैंगस्टर के रहने की "सुविधा" पर खर्च किए गए 55 लाख रुपये के बिल के एक फाइल को मंजूरी देने से इनकार के बाद वह सुर्खियों में है।
मान ने पिछली कांग्रेस सरकार पर मुख्तार अंसारी को रूपनगर जेल में VIP ट्रीटमेंट मुहैया कराने का आरोप लगाया और कहा कि वह तत्कालीन मंत्रियों से 55 लाख रुपये की कानूनी फीस वसूलने के लिए सलाह ले रहे हैं। स्थानीय रिपोर्टों में कहा गया है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पिछले कांग्रेस शासन में संबंधित मंत्रियों से राशि वसूलने पर विचार कर रही है।
मान ने गुरुवार को जालंधर में एक रैली में कहा, हम सरकारी खजाने से भुगतान नहीं करेंगे। हम कानूनी विशेषज्ञों से पूछ रहे हैं। मान ने पंजाबी में एक ट्वीट में कहा, “यूपी का अपराधी रोपड़ जेल में सुविधाओं के साथ बंद था।
महंगे वकील रखे गए... खर्चा हुआ 55 लाख रुपए... मैंने वो फाइल लौटा दी जिसमें वकीलों को टैक्सपेयर्स के पैसे से भुगतान करने की सिफारिश की गई थी। मैं उन (पूर्व) मंत्रियों से फीस वसूलने पर विचार कर रहा हूं, जिनके आदेश पर ये फैसले किए गए...।'
सीएम ने एक बयान में कहा कि यह जनता के पैसे की खुली लूट है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। पिछली हुकूमतों को ही पता होगा कि इस कुख्यात अपराधी को पूरे आराम से रोपड़ जेल में रखा गया था।
सीएम ने यह भी कहा कि आराम से रहने के अलावा, राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया कि यह खूंखार अपराधी जेल के भीतर किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करे और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई से बच जाए।
अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक रोपड़ जेल में बंद था। एडीजीपी आरएन ढोके द्वारा की गई पुलिस जांच की हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अंसारी को विशेष सुविधाएं मिली थीं। रिपोर्ट में सुविधाओं के बदले अंसारी से कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोप में जेल के कुछ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कार्रवाई की भी सिफारिश की गई है।