Sarv Seva Sangh Varanasi: विरासत के लिए लोकतंत्र सेनानियों और राजनीतिक दलों ने भरी हुंकार, दे रहे है बनारस में धरना
BY - Vinay Yadav
Sarv Seva Sangh Varanasi: वाराणसी के राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ को बचाने के लिए गांधीवादी विचारक और बुद्धिजीवियों ने शुक्रवार सुबह से धरना शुरू कर दिया। महात्मा गांधी, विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण की विरासत को बचाने के लिए दिनभर धरना प्रदर्शन चलता रहा।
हालांकि, रेलवे का ध्वस्तीकरण दस्ता और बुलडोजर सर्वसेवा संघ के भवनों को गिराने नहीं पहुंचा। देश भर से पहुंचे लोगों ने शासन, प्रशासन और रेलवे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एक तरफ शुक्रवार सुबह बारिश हो रही थी।
दूसरी तरफ राजघाट के सर्वसेवा संघ परिसर में गतिविधियां तेज हो गईं। सुबह से ही लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। सर्वसेवा संघ भवन को ध्वस्त करने के विरोध में जुटे सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, लोकतंत्र सेनानी और गांधीवादी प्रवेश द्वार पर ही धरने पर बैठ गए।
शासन और प्रशासन पर मनमानी का आरोप - लोकतंत्र सेनानी राम धीरज के नेतृत्व में सभी ने विरोध मार्च निकालकर नारेबाजी की। वक्ताओं ने कहा कि जमीन की रजिस्ट्री और डीड पेपर होने के बाद भी शासन और प्रशासन मनमानी कर रहे हैं।
वह किसी भी कीमत पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण की विरासत को जमींदोज नहीं होने देंगे। शासन व प्रशासन के बुलडोजर का मुंह बापू के अहिंसा के हथियार से दिल्ली की ओर मोड़ देंगे।
धरोहर को गिराना है तो हमारे ऊपर से बुलडोजर लेकर जाएं - कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा कि हम लोग यहां बैठकर बुलडोजर का इंतजार कर रहे हैं। यह किसी की निजी जमीन नहीं बल्कि देश की धरोहर है।
अगर इस धरोहर को गिराना है तो हमारे ऊपर से बुलडोजर लेकर जाएं और गिराए, लेकिन हम नहीं हटने वाले। कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि सर्वसेवा संघ की जमीन को सरकार अधिग्रहीत करने जा रही है। लगभग 60 साल से यह जमीन इनकी है।
यहां गांधी के विचारों वाले लोग रहते हैं। अब इस जमीन को हड़पने की कोशिश हो रही है। जब तक सरकार इस आदेश को वापस नहीं लेती है तब तक हम यहां ऐसे ही रहेंगे। समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। चाहे कुछ भी हो जाए हमारे ऊपर से बुलडोजर चल जाए, हम इस विरासत को ध्वस्त नहीं होने देंगे।
नहीं पहुंचा रेलवे, कोर्ट के फैसले का इंतजार - राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ के अवैध निर्माण को हटाने के विरोध और कोर्ट में मामला लंबित होने से रेलवे अधिकारियों का दल नहीं पहुंचा। हालांकि विरोध करने के लिए 20 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ता देश के अलग-अलग राज्यों से सर्व सेवा संघ मुख्य द्वार पर दिन भर धरने पर बैठे रहे। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के उप मुख्य अभियंता आकाशदीप ने बताया कि मामला कोर्ट में होने की वजह से फिलहाल कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। कोर्ट के फैसले का इंतजार है।
'सरकार को स्वीकार नहीं है कि गांधी की संस्थाएं चलें' - सर्वसेवा संघ के प्रबंधक ट्रस्टी महादेव विद्रोही ने बताया कि लालबहादुर शास्त्री और जगजीवन राम के प्रयास से रेलवे से जमीन खरीदी गई थी। दो भूखंडों का दाखिल खारिज सर्व सेवा संघ के नाम पर है।
एक भाग के लिए 2019 में दाखिल खारिज के लिए आवेदन किया गया था। अब अचानक रेलवे कह रहा है कि दस्तावेज गलत है। जिस अधिकारी ने बेचा उसे ऐसा करने का अधिकार नहीं था। सरकार को स्वीकार नहीं है कि गांधी की संस्थाएं चलें। यह प्रॉपर्टी सरकार की नहीं सर्वसेवा संघ की है।