Supreme Court: Kashi Vishwanath-Gyanvapi Case में याचिकाकर्ताओं और अधिवक्ताओ ने कही ये बात, जानें मामले में आगे क्या होगा ?

 
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15 मामले एक साथ सुने जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा है।

Kashi Vishwanath-Gyanvapi case: सुप्रीम कोर्ट ने कुछ हिंदू याचिकाकर्ताओं की याचिका पर मस्जिद के अंदर ‘वज़ुखाना’ क्षेत्र के सील क्षेत्र का एएसआई सर्वेक्षण करने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को निर्देश जारी किया है।

कहा जा रहा है कि एक वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में “शिवलिंग” पाया गया था। काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर वकील बरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि ज्ञानवापी मामला सुप्रीम कोर्ट में लिस्टेड था।

एक आवेदन दिया गया था कि वाराणसी जिला न्यायालय के सभी मुकदमों को उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाए और इसे एक साथ सूना जाए। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य मुकदमा, ज्ञानवापी एसएलपी को 17 दिसंबर को लिस्ट किया है।

ज्ञानवापी से संबंधित सभी लंबित आवेदनों को सूचीबद्ध किया जाएगा और सुनवाई शुरू करने के लिए एक तारीख तय की जाएगी।  ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य का कहना है, ”सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई और मस्जिद कमेटी को नोटिस भेजा है।

मैंने ही कहा था कि हमें वज़ूखाना में बाबा (भगवान शिव) मिले थे। सुप्रीम कोर्ट ने वजुखाना (ज्ञानवापी मस्जिद) को सील करने के लिए 17 दिसंबर की तारीख दी है।  ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष हमेशा समय ही मांगता रहा है।

उन्होंने निचली अदालतों और सुप्रीम कोर्ट में भी समय मांगा है। सारे सबूत मौजूद हैं। एएसआई रिपोर्ट सामने आनी चाहिए। लंबे समय से चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद और कशी विश्वनाथ मंदिर के बीच चल रहे केस में नया मोड़ आया है।

मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हिन्दू पक्ष की मांग थी कि ज्ञानवापी से जुड़े 15 मामले इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक साथ सुने जाएं जिसपर आपत्ति जताते हुए मुस्लिम पक्ष ने इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल किया था। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी कर 15 दिनों में जवाब मांगा है।

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