UP CM Yogi: मुख्यमंत्री की नाराजगी का दिखा असर, 35 हजार से ज्यादा मामले हुये निस्तारित
![UP CM Yogi: The effect of Chief Minister's displeasure was visible, more than 35 thousand cases were settled](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/5441713459bf435ca3e8d2b413006371.jpeg?width=963&height=520&resizemode=4)
UP CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपने कार्यालय के जरिए राजस्व वादों के निस्तारण की निगरानी कराने का प्रयोग कारगर साबित हुआ है। मई माह की अपेक्षा जून में न सिर्फ 35,489 ज्यादा वाद निस्तारित हुए, बल्कि लक्ष्य के 90 प्रतिशत व 100 प्रतिशत से अधिक निस्तारण वाले जिलों की संख्या भी बढ़ी है।
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) के पोर्टल पर राजस्व वादों के निस्तारण की मई-2023 की रिपोर्ट का अध्ययन कराया। पता चला कि अधिकतर जिलों में डीएम व एडीएम से लेकर अधीनस्थ न्यायालयों तक लक्ष्य के सापेक्ष बहुत कम वाद निस्तारित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को राजस्व वादों के निस्तारण की मॉनीटरिंग अपने स्तर से करने के निर्देश दिए थे।
योगी के निर्देश के बाद मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने मुख्यमंत्री की नाराजगी का जिक्र करते हुए प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को पत्र लिखा। साथ ही सीएम ऑफिस से वाद निस्तारण की नियमित मॉनीटरिंग की व्यवस्था बनाई। आरसीसीएमएस प्रणाली पर जून माह की समीक्षा का अच्छा असर सामने आया है।
मई और जून की तुलनात्मक स्थिति - मई में कुल 2,07,615 वाद निस्तारित हुए थे। यह लक्ष्य का 83.76 फीसदी था। जून में 2,43,104 वाद निस्तारित हुए। यह प्रदेश के लक्ष्य का 101.24 प्रतिशत है। मई में लक्ष्य से कम वाद निस्तारित करने वाले जिलों की संख्या 55 थी।
जून में यह संख्या घटकर 43 रह गई। मई में लक्ष्य का 50 प्रतिशत वाद निस्तारित करने वाले जिलों की संख्या 16 थी, जो जून में घटकर मात्र चार रह गई है। लक्ष्य से अधिक वाद निस्तारित करने वाले जिलों की संख्या भी बढ़ी है। इस श्रेणी में मई में जहां 20 जिले थे, जून में 32 जिले हो गए।
राजस्व वादों के निस्तारण में लखनऊ अव्वल, शामली फिसड्डी - रिपोर्ट के मुताबिक राजस्व वादों के निस्तारण में लखनऊ ने शानदार उपलब्धि के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है। लखनऊ ने जून में रिकॉर्ड 11267 वादों का निस्तारण किया है। यह लक्ष्य का 253.19 फीसदी है। लखनऊ मई में 9194 वादों को निस्तारित कर मई में भी शीर्ष पर था।
जून में नंबर दो पर शाहजहांपुर (226.46 प्रतिशत) व नंबर तीन पर वाराणसी (193.87 प्रतिशत) है। वहां लक्ष्य का 226.46 प्रतिशत वादों का निस्तारण किया गया। शामली में जून में लक्ष्य का मात्र 37.45 प्रतिशत (749) वाद निस्तारित किया गया। यह प्रदेश में सबसे कम है। जून में गाजीपुर, पीलीभीत, महोबा भी लक्ष्य के 50 फीसदी से भी कम वाद निस्तारण वाले जिलों में शामिल हैं।
वाद निस्तारण में अवध के जिलों की स्थिति - बलरामपुर-140.19 प्रतिशत, बाराबंकी-133.23 प्रतिशत, बहराइच-131.53 प्रतिशत, गोंडा-113.92 प्रतिशत, श्रावस्ती-93.67 प्रतिशत, सुल्तानपुर-82.06 प्रतिशत, अयोध्या-78.23 प्रतिशत, अमेठी- 77.50 प्रतिशत, सीतापुर- 77.20 प्रतिशत, रायबरेली-72.80 प्रतिशत।
लखनऊ, प्रयागराज, हापुड, बस्ती, फतेहपुर और मेरठ पुलिस भी फिसड्डी - आईजीआरएस पोर्टल पर पुलिस से जुड़ी समस्याओं के समाधान में लखनऊ, प्रयागराज, हापुड, बस्ती, फतेहपुर और मेरठ पुलिस फिसड्डी रही है। वहीं मुजफ्फरनगर, अमरोहा, बांदा, श्रावस्ती, इटावा और कानपुर देहात पुलिस ने आपराधिक मामलों में त्वरित कार्रवाई कर जनता को समयबद्ध राहत दिलाकर पहला स्थान प्राप्त किया है।
आईजीआरएस पोर्टल पर पुलिस से जुड़ी शिकायतों के निस्तारण में बदायूं, बाराबंकी और पीलीभीत ने सातवां स्थान प्राप्त किया है। बलरामपुर और रायबरेली 11वें, अयोध्या और गोंडा 46वें, श्रावस्ती 48वें, अंबेडकर नगर और बाराबंकी, 52वें स्थान पर रहे हैं। अयोध्या 72वें, लखनऊ 73वें, वाराणसी 74वें और सिद्धार्थनगर 75वें स्थान पर रहा है।
समस्याओं के निस्तारण में वाराणसी, लखनऊ और अयोध्या फिसड्डी, अमरोहा, हरदोई, बहराइच अव्वल - आईजीआरएस पोर्टल पर जून महीने में समस्याओं के निस्तारण में सिद्धार्थनगर, वाराणसी, लखनऊ और अयोध्या फिसड्डी रहे हैं, वहीं अमरोहा, हरदोई, बहराइच, बागपत, जालौन, कुशीनगर जैसे छोटे जिलों ने जन समस्याओं का अधिक से अधिक निस्तारण कर टॉप 5 में जगह बनाई है।
आईजीआरएस पोर्टल पर जनता की ओर से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, नगर विकास, कृषि, पशुपालन सहित अन्य विभागों से जुड़ी समस्याएं ऑनलाइन दर्ज की जाती है।
शिकायतकर्ता को समस्याओं का निस्तारण कर उसकी सूचना दी जाती है। शिकायतकर्ता शिकायत के निस्तारण पर संतुष्ट या असंतुष्ट होने का फीडबैक भी देते हैं। राजस्व विभाग की ओर से समस्याओं के निस्तारण के आधार पर हर महीने रैंकिंग की जाती है।
जून महीने की समीक्षा में अमरोहा जिला 130 में से 127 अंक प्राप्त प्रथम स्थान पर रहा है। हरदोई और बहराइच 126 अंक प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे हैं। बागपत, जालौन और कुशीनगर 120 में से 116 अंक प्राप्त कर चौथे स्थान पर, बरेली, शाहजहांपुर 130 में से 125 अंक प्राप्त कर सातवें स्थान पर रहे हैं। बांदा, झांसी, महोबा और रायबरेली 130 में से 124 अंक प्राप्त कर दसवें स्थान पर रहे हैं।
गोंडा 14वें, बलरामपुर 24वें, सुल्तानपुर 24वें, सीतापुर 37वें, श्रावस्ती 48वें, अंबेडकर नगर और बाराबंकी 52वें स्थान पर रहे हैं। अयोध्या 130 में से 109 अंक प्राप्त कर 72वें, लखनऊ 120 में से 99 अंक प्राप्त कर 73वें, वाराणसी 130 में से 106 अंक प्राप्त कर 74वें और सिद्धार्थनगर 120 में से 95 अंक प्राप्त कर 75वें स्थान पर रहा है।