UP Crime News: क्या है अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद से जौनपुर का कनेक्शन, तस्कर चलाते थे खेत में ड्रग्स की फैक्ट्री

UP Crime News: ड्रग्स मामले में गिरफ्तार अभिषेक सिंह गांव के खेत में ही ड्रग्स फैक्ट्री चलाता था। नीले ड्रम में केमिकल लाया जाता था, फिर उसे बनाकर बाहर भेजा जाता था। अभिषेक की तरफ से कहा जाता था कि मछली के लिए चारा बनाया जा रहा है। इसकी भनक ग्रामीणों को भी नहीं थी।
गाजीपुर जिले के तस्कर अभिषेक सिंह की गिरफ्तारी के साथ ही ड्रग्स तस्करी का भंडाफोड़ मुंबई पुलिस ने की थी। इसके बाद से ही जिले की पुलिस की सक्रियता बढ़ गई है। अभिषेक सिंह गांव के खेत में ही ड्रग्स फैक्ट्री चलाता था। वहीं इसे लेकर गांववालों को शक भी था।
अब मामले का भंडाफोड़ हुआ है। जिले का नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के मुंबई में ड्रग्स कारोबार से जुड़ने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है। इस मामले में जिले के तीन तस्करों का नाम सामने आया है। इसमें से दो की गिरफ्तारी मुंबई से हुई है। मुख्य सरगना फरार है।
हालांकि पुलिस इनका पता और इनके बारे में सारा विवरण तलाशने में शुक्रवार को भी लगी रही। अभिषेक सिंह मीरपुर बेलवा मड़ियाहूं का है, जो गांव में ही खेत में ड्रग्स की फैक्ट्री चलाता था। मुख्य सरगना सलीम डोला भी मड़ियाहूं तहसील क्षेत्र का रहने वाला है, जो दुबई और तुर्की में बैठकर दाऊद के इस कारोबार को चलाता था।
इस मामले में घनश्याम सरोज भी दबोचा गया है। मीरपुर बेलवा के ग्रामीणों के मुताबिक आरोपी अभिषेक कुमार पिछले पांच साल से यह काम कर रहा था। इससे आसपास के तमाम युवाओं को जोड़ा गया था। अभिषेक के गुर्गे यहां नीले ड्रम को वाहन से लाते थे।
पूछने पर बताते थे कि मछली का चारा है, ग्रामीणों को शक था कि ये कुछ गलत कर रहे हैं। अभिषेक की गिरफ्तारी के बाद लोगों का शक यकीन में बदल गया। जब से दाऊद गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी हुई है। तब से ग्रामीण आपस में यह चर्चा कर रहे हैं कि वे गांव में गोरखधंधा करते रहे किसी को पता नहीं चला।
आश्चर्य की बात है कि जिला प्रशासन को कैस भनक नहीं लगा। इस मामले में मीरपुर के प्रधान तिलकधारी सिंह ने बताया कि अभिषेक सिंह मीरपुर का रहने बाला है। इनका परिवार पिछले 10 साल से मुंबई में रहता है। उसके पिता मुंबई में ट्रक चलाते हैं।
इस सम्बंध में इंस्पेक्टर क्राइम आर एस यादव ने बताया कि प्रधान ने सिर्फ 10 वर्ष से बाहर रहने की लिखित जानकारी दी है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी अभिषेक का परिवार 20 वर्षों से अधिक समय से मुंबई में रह रहा है। गांव में ड्रग्स फैक्ट्री की पुष्टि नहीं हो पा रही है। पता लगाया जा रहा है।