UP Nagar Nikay Chunav 2023: प्रयागराज से अजय, गोरखपुर से काजल तो मेरठ से सीमा को सपा ने बनाया मेयर प्रत्याशी, जानिये इनके बारे में
जानें कौन हैं अजय श्रीवास्तव जिन्हे समाजवादी पार्टी ने प्रयागराज से बनाया है मेयर प्रत्याशी - समाजवादी पार्टी ने बुधवार देर रात महापौर पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर दी। जार्जटाउन के रहने वाले अजय श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाया गया है। अजय श्रीवास्तव पहले बहुजन समाज पार्टी में थे और पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे।
जार्जटाउन स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय के बगल में रहने वाले अजय श्रीवास्तव टाइल्स और रियल स्टेट के कारोबार से जुड़े हैं। वर्ष 2002 में शहर उत्तरी से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर वह चुनावी मैदान में उतरे थे। लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। वह बसपा के महानगर अध्यक्ष भी रह चुके हैं। केपी ट्रस्ट में वह उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
कायस्थ समाज के कई संगठनों में भी वह विभिन्न पदों पर रहे हैं। पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज 16 सितंबर 2017 को बसपा छोड़कर सपा में शामिल हुए तो उसी दिन अजय श्रीवास्तव ने भी सपा का दामन थाम लिया।
इधर कुछ दिन पहले महापौर पद के लिए टिकट की दावेदारी जताने के लिए आवेदन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हुई तो अजय श्रीवास्तव ने भी अपनी दावेदारी की। शीर्ष नेतृत्व ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय बुलाकर उनसे बातचीत की। फिर बुधवार देर रात उन्हें महापौर पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया।
समाजवादी पार्टी ने पार्षद पद के लिए प्रत्याशियों की सूची तैयार कर ली है। गुरुवार शाम तक उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी। इसमें सबसे अहम यह है कि 2017 में जिन सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार जीते थे, उनको फिर से मौका दिया गया है। किसी का टिकट नहीं काटा गया है।
100 वार्डों में होने वाले पार्षद पद के चुनाव को लेकर बुधवार को जार्जटाउन स्थित सपा कार्यालय में चयन समिति के सदस्यों की बैठक हुई। इनमें इफ्तेखार हुसैन, अनिल यादव, पप्पू लाल निषाद, विधायक विजमा यादव, संदीप पटेल, गीता शास्त्री, पूर्व मंत्री उज्ज्वल रमण सिंह, बासुदेव यादव, पंधारी यादव, योगेश यादव, अब्दुल सलमान, लल्लन राय आदि शामिल थे।
करीब चार घंटे की बैठक में सभी वार्डों के लिए उम्मीदवारों का चयन किया गया। महिलाओं के लिए आरक्षित 32 सीटों पर भी नाम तय किए गए। हालांकि, महिला आरक्षित सीट के अलावा दूसरी किसी सीट पर महिलाओं को मौका नहीं मिला है। पूर्व जिला प्रवक्ता दान बहादुर मधुर ने बताया कि गुरुवार सुबह सूची शीर्ष नेतृत्व को भेजी जाएगी।
जानें कौन हैं काजल निषाद जिन्हे समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर से बनाया है मेयर प्रत्याशी - समाजवादी पार्टी (सपा) ने गोरखपुर के मेयर पद पर पिछड़ी जाति की प्रत्याशी पर दांव लगाया है। बुधवार को पार्टी हाईकमान ने जनपद के वरिष्ठ नेताओं के साथ गहन चर्चा के बाद मेयर प्रत्याशी के लिए अभिनेत्री काजल निषाद के नाम की घोषणा कर दी।
जानकारों का कहना है कि पार्टी ने पहले से ही पिछड़ी जाति के प्रत्याशी के तौर पर उनका नाम सुनिश्चित कर लिया था। सिर्फ चर्चा के लिए गोरखपुर के वरिष्ठ नेताओं को लखनऊ बुलाया गया था। खास बात यह है कि गोरखपुर की सीट अनारक्षित होने के बाद भी पार्टी पिछड़ी जाति पर दांव लगा रही है।
आरक्षण की घोषणा से पहले महिला उम्मीदवार की चर्चा थी, लेकिन जब सीट अनारक्षित हो गई तो लोग संभावना जताने लगे कि शायद पार्टी सवर्ण प्रत्याशी पर भरोसा जताए। पांच प्रस्तावित नामों में सवर्ण नाम पर ही अधिक जोर भी था, लेकिन पार्टी ने जाति विशेष को साधने के लिए पिछड़ी जाति का दांव चल दिया है।
जानकारों का मानना है कि सवर्ण प्रत्याशी होने के बाद भी इस वर्ग के मतदाता बंट जाते। जिन सवर्ण मतदाताओं का नाम उछल रहा था, वे भी मैदान में उतरने को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिख रहे थे। ऊपर से एक लाख से अधिक मतदाताओं वाली जाति विशेष भी सपा के पाले में नहीं आ पा रही थी।
ऐसे में पार्टी हाईकमान ने काजल निषाद को बतौर प्रत्याशी को मैदान में उतारने का निर्णय लिया। हाईकमान का मानना है कि पार्टी के परंपरागत वोट तो सपा के पक्ष में जाएंगे ही, पिछड़ी जाति का प्रत्याशी होने से विशेष जाति का रुझान भी बढ़ेगा। दलित जाति के वोटों को सपा के पक्ष में लाने के लिए स्वयं नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है।
गोरखपुर के भौव्वापार की रहने वाली काजल निषाद के पति संजय कुमार निषाद फिल्म प्रोड्यूसर हैं। काजल निषादपहला चुनाव 2012 में कांग्रेस के टिकट पर गोरखपुर ग्रामीण सीट से लड़ी थीं। 2020-21 में सपा में वह शामिल हुईं और पार्टी ने विश्वास जताते हुए 2022 में कैंपियरगंज विधानसभा से टिकट दिया।
दोनों चुनाव में उन्हें जीत हासिल नहीं हुई। इस बार समाजवादी पार्टी ने उन्हें महापौर का प्रत्याशी बनाया है। काजल निषाद का कहना है कि इस संबंध में उन्होंने आवेदन नहीं किया था। यह पार्टी हाईकमान का फैसला है। इसे स्वीकार करते हुए वह पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगी।
जानें कौन हैं सीमा प्रधान जिन्हे समाजवादी पार्टी ने मेरठ से बनाया है मेयर प्रत्याशी - समाजवादी पार्टी ने मेरठ महापौर प्रत्याशी की घोषणा कर दी। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान को प्रत्याशी बनाया है। वह सरधना विधायक अतुल प्रधान की पत्नी हैं। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से परास्नातक उत्तीर्ण सीमा प्रधान 2012 से सपा की सक्रिय सदस्य हैं।
2015 में वह जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई थीं। हालांकि उनका कार्यकाल छोटा ही रहा। क्योंकि भाजपा की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाकर कुलविंदर सिंह अध्यक्ष बने गए थे। सीमा प्रधान 2018 से पार्टी के कई पदों पर रह चुकी हैं। महिला सभा की राष्ट्रीय सचिव का पद भी मिल चुका है।
हालांकि उनके परिवार का राजनीतिक दबदबा उस समय बहुत अधिक था जब अखिलेश यादव की सरकार थी। 2022 में अतुल प्रधान ने भाजपा के दिग्गज नेता संगीत सोम को हराया तब से उनका कद पश्चिम उप्र से सपा में और अधिक बढ़ गया।
माना ये जा रहा था कि अतुल प्रधान के आक्रामक राजनीतिक तेवर को देखते हुए उन्हें पसंद न करें और टिकट के दूसरे प्रबल दावेदार शहर विधायक रफीक अंसारी की पत्नी खुर्शीदा अंसारी को टिकट मिले। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सपा ने अतुल प्रधान को सरधना से जीत का इनाम दिया और उनकी पत्नी की दावेदारी पर भरोसा जताया। भाजपा के लिए सीमा बनेगी चुनौती महापौर के चुनाव में सपा कभी भी उल्लेखनीय प्रदर्शन नहीं कर सकी।
लेकिन उसकी दावेदारी हमेशा रही। इस बार का चुनाव रोमांचक हो गया है। सीमा प्रधान भाजपा के लिए चुनौती बन सकती हैं। अतुल प्रधान का ध्यान महापौर सीट पर पहले से था। सरधना सीट जीतने के बाद ही नगर निगम महापौर चुनाव के लिए ताकत झोंक दी।
मेरठ शहर में वाल्मीकि समाज के सम्मेलन के साथ सामाजिक भागीदारी बढ़ाई है। कुटिया चौराहे के पास निवास होने के कारण शहर के लोगों से मिलना जुलना भी रहा है। रालोद से सपा का गठबंधन भी है। इसका फायदा मिल सकता है।