UP News: जानिये बांग्लादेशियों का गोरखपुर कनेक्शन
विनय यादव
UP News: चंदौली। देश में पूर्व में कई ऐसे आतंकी घटनायें घटित हो चुकी है, जिसे सोचने मात्र से ही दिल दहल उठता है और इन आतंकी घटनाओं में ना जाने कितने लोग अपनी जान भी गवां चुके है। इन सबके बीच जहां प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के द्वारा अपराध व अपराधियों पर लगाम कसने के लिये जीरो टालरेन्स की बात कही जाती है, और बुल्डोजर की कार्यवाही की जा रही है तो वहीं उन्हीं के मातहत कुछ मामलों में लापरवाही भी बरतते नजर आ रहे है।
ऐसा ही एक वाक्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे जनपद चंदौली के मुगलसराय में देखने को मिल रहा है। बताते चले कि हमने पिछले अंक में आपको बताया था कि सूत्रों के अनुसार मुगलसराय थाना क्षेत्र के नईबस्ती महमूदपुर इलाके में विगत कई वर्षो से बंग्लादेशी घुसपैठीये अपने परिवार के साथ निवास कर रहे है।
वहीं बताया जाता है कि इन बंग्लादेशी परिवार के लोगों ने अपने एक पुत्री का विवाह भी पाकिस्तान में कर रखा है, जहां पर पाकिस्तान से संदिग्ध लोगों का आना जाना भी इनके यहां लगा रहता है। जिससे पाकिस्तान के आईएसआई से भी इन लोगों के सम्बन्ध होने की बात बतायी जा रही है।
वहीं इन सबके सम्बन्ध में बताया जाता है कि इसी क्षेत्र के कुछ लोगों के द्वारा इनके बंग्लादेशी होने व पाकिस्तान के आईएसआई से सम्बन्ध होने की शिकायत भी जनपद के उच्चाधिकारियों से की गयी, जिसकी जांच पुलिस विभाग और अन्य जांच एजेंसियों से करायी जा रही है, परन्तु यहां एक बात यह भी सोचनीय है कि बताया जाता है कि लगभग एक या डेढ़ साल से इन घुसपैठियों की जांच पुलिस और जांच एजेंसियों के द्वारा की जा रही है, परन्तु अभी तक कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लायी जा सकी।
वहीं दूसरी ओर सूत्र बताते है कि इसी परिवार का एक सदस्य प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में निवास कर रहा है, और गोरखुपर के बख्शीपुर थाना कोतवाली अन्तर्गत एमजीएस टेलीकाॅम अथोराइज्ड सर्विस सेन्टर नामक फर्म का संचालक है, और जिसके द्वारा गोरखपुर के तमाम पुलिस बूथ और पुलिस चैकियों के माध्यम से अपने फर्म का प्रचार प्रसार करता है, साथ ही अपने चार पहिया वाहन पर पुलिस का मोनोग्राम लगाकर चलता है और साधारण लोगों पर अपना रौब दिखाता है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि गोरखपुर प्रशासन इस पर कोई कार्यवाही नहीं करती, जबकि ये सर्विस सेन्टर संचालक न तो खुद पुलिस विभाग में है और ना ही इनके परिवार का कोई सदस्य ही पुलिस विभाग से ताल्लुक रखता है। जबकि माननीय न्यायालय सहित शासन की ओर से भी दिशा निर्देश दिये गये है कि कोई भी व्यक्ति चाहे वो विभागीय हो या आम नागरिक अपने वाहनों पर पुलिस आदि लिखकर नहीं चल सकता।
बताते चले कि वाराणसी के वर्तमान अपर पुलिस आयुक्त व चंदौली जनपद के पूर्व पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के द्वारा इसी जनपद चंदौली में अवैध तरीके से निवास कर रहे बांग्लादेशियों पर कार्यवाही करते हुये कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था और साथ ही हाईस्कूल के फर्जी प्रमाण पत्र, अंक पत्र व मतदाता पहचान पत्र को भी बरामद करने का कार्य किया गया था, परन्तु अब ऐसा प्रतीत होता है कि चंदौली प्रशासन को सूचना मिलने के बाद सिर्फ जांच प्रक्रिया की ही कार्यवाही की जा रही है, और मूल कार्यवाही के नाम पर सब कुछ शून्य के बराबर नजर आ रहा है। फिलहाल तफ्तीश जारी है।