Varanasi Crime: आडियो क्लिप ने खोली अधिवक्ता, पत्रकार व सट्टा संचालक के गठजोड़ की पोल

 
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जोरो से चल रहे सट्टे के काले कारोबार पर नहीं है वाराणसी पुलिस की लगाम

Varanasi Crime: धर्म व अध्यात्म की नगरी काशी जो पूरे विश्व में जहां धर्म, अध्यात्म व ज्ञान के लिये जानी जाती है तो वहीं अब इस काशी नगरी की छवि धीरे धीरे धूमिल होने की ओर अग्रसर है, जिसका मूल कारण है इस काशी नगरी में सट्टा संचालकों व नशे के कारोबारियों के द्वारा अवैध कमाई करने का जो जाल बिछाया गया है, उसमें गरीब वर्ग व युवा वर्ग फंसता ही जा रहा है तो वहीं कई ऐसे परिवार भी है जो बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके है।

वहीं यदि बात करें तो सभ्य समाज के लोग अब धीरे धीरे बर्बादी के कगार पर जाते हुये नजर आ रहे है। वहीं सवाल यह उठता है कि समाज का मुख्य अंग माने जाने वाले अधिवक्ता व पत्रकार के साथ ही कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदार निभाने वाली पुलिस विभाग ही जब इस काले कारोबार को संरक्षण प्रदान कर रही है तो ये काला कारोबार फले फूलेगा ही साथ में समाज भी बर्बाद होता चला जायेगा।

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अब हम आपका ध्यान इससे जुड़े उस ताजा मामले की ओर आकर्षित करते है, जिसकी चर्चा इन दिनों शहर में हो रही है। बताते चले कि पूर्व आईपीएस और अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को एक ऐसा आडियो क्लिप मिला, जिसे लेकर अमिताभ ठाकुर व नूतन ठाकुर के द्वारा कार्यवाही की मांग वाराणसी के अधिकारियों से करते हुये उसे अपने सोशल मीडिया पर डालकर उसे सार्वजनिक रूप से वायरल भी किया गया है।

इस आडियो क्लिप जिसमें अपने आपको एक व्यक्ति के द्वारा अधिवक्ता बताया जा रहा है तो दूसरी ओर एक व्यक्ति पत्रकार बताता है। वैसे आपको बताते चले कि इस आडियो क्लिप ने अधिवक्ता, पत्रकार व सट्टा संचालकों की मिलीभगत की पोल को तो खोल ही दिया है, साथ ही वाराणसी की प्रशासनिक व्यवस्था पर भी लाल निशान लगाता नजर आ रहा है।

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वहीं सूत्र बताते है कि जनपद के आदमपुर, जैतपुरा, कैण्ट, चेतगंज, सिगरा, भेलूपुर सहित तमाम ऐसे थाने है जिनके क्षेत्रों में अवैध सट्टा व नशे का कारोबार अपने चरम पर है। जहां अवैध सट्टा व गांजा, हेरोईन का काला धंधा जोरों पर है।

वहीं बताया जाता है कि ये काला कारोबार करने वाले लोगों की पहुंच उपर तक होने के कारण भी इस अवैध कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। जिसके दबाव में आकर सम्बन्धित थाने की पुलिस भी इन पर कार्यवाही करने से पीछे हटती है।

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वहीं सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो इस सट्टे व नशे के कारोबार में गैंगस्टर, हिस्ट्रीशीटर व गंभीर मामलों के आरोपी अपराधी व असलहा सप्लायर जैसे असामाजिक तत्वों के द्वारा इस कारोबार को किया जा रहा है, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा अपराध पर जीरो टालरेंस को खुली चुनौती दे रहे है।

वहीं वायरल आडियो में जिस भी तथाकथित मीडिया संस्थान का नाम लिया जा रहा है तो वो चाहे 24 हो या 420 बात एक ही है। वही आडियो में जिस तथाकथित मीडिया संस्थान का नाम लिया गया है तो आपको बताते चले कि उसके संचालक के द्वारा खुद अपने पिता से नक्सली संगठन लाल सलाम के नाम पर 50 हजार रूपये की फिरौती मांगी गई थी जो जगजाहिर है तो उसका नाम इस सट्टे के काले कारोबार में आना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है।

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बताते चले कि वायरल आडियो में जिस सट्टा संचालक मनीष पाण्डेय का जिक्र किया गया है तो ये वहीं सट्टा संचालक है जिसे 14 मार्च 2020 को दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने इसी मनीष पाण्डेय को 32 बोर की 7 पिस्टल व 14 मैगजीन के साथ गिरफ्तार किया था।

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जिसमें पूछताछ में अपना नाम मनीष पाण्डेय निवासी कतुआपुरा थाना कोतवाली जनपद वाराणसी बताते हुये अपने आपको एक तथाकथित मीडिया संस्थान का कैमरामैन बताते हुये अपना आई कार्ड भी दिखाया था। जिसके सम्बन्ध में जिस मीडिया संस्थान का आईकार्ड दिखाया था उसके संचालक के द्वारा खुद इसके उपर फर्जी तरीके से आईकार्ड बनाने का आरोप भी लगाया गया था।

अब यदि बात करें वाराणसी में संचालित हो रहे सट्टे के काले कारोबार को तो हम वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन से अपील करना चाहेंगे कि वायरल हुये इस आडियों में शामिल लोगों चाहे वह अधिवक्ता हो, चाहे पत्रकार हो या कोई भी मीडिया संस्थान इन पर कार्यवाही करना आवश्यक है और साथ ही पुलिस कमिश्नर साहब खुद अपने विभाग के लोगों की भी गोपनीय जांच कराये जिसमें विभाग से जुडे लोग व सट्टा संचालकों के संरक्षणदाताओं के चेहरे भी बेनकाब होंगे।

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