Varanasi Crime: चोरी के मामले में अभियुक्ता की जमानत हुई मंजूर

 
Varanasi Crime
Whatsapp Channel Join Now

अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी व रोहित जायसवाल ने पक्ष रखा

Varanasi Crime: वाराणसी। जनपद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार (द्वितीय) की अदालत के द्वारा थाना सिगरा में दर्ज मुअसं. 28/2025 धारा 305 (ए), 331(4), 317(2) बीएनएस के मामले में अभियुक्ता को जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

उक्त मामले में अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी व रोहित जायसवाल ने पक्ष रखा। जिसके सम्बन्ध में अभियुक्ता उपरोक्त के जमानत प्रार्थना पत्र पर उसके विद्वान अधिवक्ता व अभियोजन अधिकारी एवं वादिनी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता को सुना।

अभियुक्ता के विद्वान अधिवक्ता की ओर से तर्क दिया गया कि प्रार्थिनी मुकदमा उपरोक्त में वांछित अभियुक्त होने के कारण दिनांक 22/1/2025 से थाना सिगरा की पुलिस द्वारा गिरफ्तार होकर जिला कारागार वाराणसी में निरूद्ध है। प्रथम सूचना रिपोर्ट में उल्लिखित कथन वास्तविकता से परे व झूठे है।

प्रार्थिनी द्वारा उपरोक्त धाराओं का कोई अपराध नहीं किया गया है और न ही लगाये गये आरोप से किसी अपराध की पुष्टि ही होती है। प्रार्थिनी द्वारा चोरी किये जाने को कोई साक्ष अभियोजन के पास नहीं है और वादिनी मुकदमा से प्रार्थिनी के परिवार के बीच सम्पत्ति को लेकर काफी समय से विवाद चला आ रहा है और इसी विवाद के कारण उसने यह फर्जी मुकदमा कायम कर दिया।

प्रार्थिनी महिला है। अतः जमानत पर रिहा किये जाने की याचना की गयी। जिस पर उपरोक्त जमानत प्रार्थना पत्र पर वादिनी मुकदमा के विद्वान अधिवक्ता द्वारा आपत्ति प्रस्तुत करते हुये कथन किया गया है कि अभियुक्ता द्वारा घर में घुसकर सामान चोरी किया है तथा उसके कब्जे से चेारी का सामान बरामद किया है।

अतः अभियुक्त का प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाये, ताकि न्याय हो। वहीं न्यायालय के द्वारा दोनो पक्षों को सुनने के साथ ही पत्रावली का सम्यक परिशीलन किया गया। चूंकि प्रस्तुत मामले में उभय प्खों के मध्य प्रश्नगत सम्पत्ति जिसमें चोरी किया जाना अन्तर्वस्तु है।

जिसके सम्बन्ध में सिविल विवाद चल रहा है तथा उभयपक्षों के मध्य पूर्व वादिनी मुकदमा के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी तथा अभियुक्ता एक महिला है व अभियुक्ता जिला कारागार में निरूद्ध हैं उक्त तथ्यों के आलोक में जमानत दिये जाने का आधार पर्याप्त हैं तदनुसार जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने योग्य है।

वहीं न्यायालय के द्वारा अभियुक्ता को 25 हजार रूपये का व्यक्तिगत बंधपत्र एवं समान धनराशि की दो प्रतिभू प्रस्तुत करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया गया है।

Varanasi Crime

Varanasi Crime

Varanasi Crime

Varanasi Crime