Varanasi Crime: अधिवक्ता के साथ की जालसाजी, मुकदमा दर्ज

 
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Varanasi Crime: वाराणसी। जनपद के सिगरा थाना क्षेत्र में आने वाले सोनिया इलाके में एक अधिवक्ता सुशील कुमार राय की माता के साथ जालसाजी करने का मामला प्रकाश में आया। जिसके सम्बन्ध में पुलिस आयुक्त के आदेश पर थाना सिगरा में विपक्षी के खिलाफ जालसाजी की गम्भीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

वहीं दर्ज मुकदमें में वादिनी के द्वारा जो आरोप लगाये गये है वो इस प्रकार है कि प्रार्थीनी विमला राय पत्नी शिवनाथ राय निवासनी दुकान न0 01 शास्त्री नगर मार्केट साजन तिराहा हाल पता म0न0 इ 11/29 शास्त्री नगर थाना सिगरा जिला वाराणसी की मूल निवासनी है। प्रार्थीनी को नगर निगम द्वारा दुकान न0 1 शास्त्री नगर सिगरा को नगर निगम द्वारा दिया गया था।

एलाट करने के पश्चात से उक्त दुकान को शिवशंकर चैरसिया पुत्र काली प्रसाद निवासी म0न0 सी 13/3ए मोहल्ला लंहगपुरा हाल पता म0न0 14/151-6 बी पंकज गेस्ट हाउस पानी टंकी सोनिया केयर टेकर के रुप में दिया था।

उक्त दुकान न0 1 को दिनांक 12.11.1995 को प्रार्थिनी को नगर निगम को दिया गया था तभी से प्रार्थिनी का नाम राजस्व विभाग नगर निगम के अभिलेखो में दर्ज है तथा प्रार्थिनी के नाम से बिजली का कनेक्शन भी दर्ज है एवं दुकान को जब प्रार्थिनी ने दुकान खाली करने को कहा तो शिवशंकर चौरसिया ने बताया कि यह दुकान प्रार्थिनी द्वारा केयर टेकर शिव शंकर चौरसिया को 2006 में ही शिवशंकर चौरसिया ने एक जाली फर्जी प्रार्थिनी का हस्ताक्षर

करके निजी लाभ लेने के उद्देश्य एक कूटरचित नोटरियल एग्रीमेन्ट कराकर प्रार्थिनी के दुकान को कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है तो प्रार्थिनी के द्वारा माननीय न्यायालय सिविल जज सी०डी० वाराणसी के न्यायालय तृतीय के यहां वाद दाखिल किया गया जिसका मु0न0 1905 सन 24 विमला राय बनाम शिव शंकर चौरसिया में दर्ज हुआ। जिसमें न्यायालय द्वारा यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिनांक 18.10.24 को पारित हुआ।

प्रार्थिनी ने जब दिनांक 23.10.24 को प्रार्थना पत्र दिया तो चौकी प्रभारी काशी विद्यापीठ द्वारा विपक्षियों के प्रभाव में आकर न्यायालय द्वारा जारी स्थगन आदेश को छुपाते हुए एक गलत रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को भेज दी गई। प्रार्थिनी ने पुनः दिनांक 12.12.24 को पुलिस आयुक्त को पुनः प्रार्थना पत्र दिया तो चौकी प्रभारी काशी विद्यापीठ द्वारा पुनः न्यायालय स्थगन आदेश को छुपाते हुए झूठी एवं गलत रिपोर्ट प्रेषित कि गई उन्ही के रिपोर्ट (चौकी प्रभारी) के

आख्या से प्रार्थिनी को ज्ञात हुआ कि शिवशंकर चौरसिया द्वारा प्रार्थिनी का फर्जी हस्ताक्षर करके एक नोटरियल दस्तावेज बनाकर के दिनांक 14.11.2006 और 2.11.2012 जिसमें शिवशंकर चौरसिया द्वारा विमला राय का फर्जी व जाली हस्ताक्षर बनाकर के दिनांक 5.11.24 को गुगु शाह पुत्र महेन्द्र शाह निवासी चन्दुआ छित्तुपुर थाना सिगरा को मुझ प्रार्थिनी के दुकान को एक नोटरियल एग्रीमेन्ट करके कब्जा देने का प्रयास किया जा रहा था।

यदि प्रार्थिनी माननीय न्यायालय के शरण में नहीं गई होती तो ये सभी विपक्षीगण आपराधिक षडयन्त्र रचते हुए प्रार्थिनी के दुकान को कब्जा कर लेते। जबकि प्रार्थिनी के द्वारा न तो हस्ताक्षर बनाया गया न तो प्रार्थिनी ने कोई एग्रीमेन्ट किया था। और न ही प्रार्थिनी का हस्ताक्षर है। वहीं इस मामले की गम्भीरता को देखते हुये पुलिस आयुक्त के आदेश पर थाना सिगरा में विपक्षियों पर गम्भीर आपराधिक धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया।

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