Varanasi Crime: मुख्तार तो मर गया, मगर उसके नाम का आतंक आज भी

Varanasi Crime: वाराणसी। एक कहावत है कि मृत हाथी का दांत भी सवा लाख का होता है। जिसके तर्ज पर उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के चौक थाना क्षेत्र के दालमण्डी में एक घड़ी की दुकानदार के द्वारा पीड़िता के सम्पत्ति पर जबरन कब्जा करके दुकान चलाने का मामला प्रकाश में आया है।
वहीं बताया जाता है कि उक्त दुकानदार जो अपने आपको मृत माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी बताता है जो इन्हीं माफिया के नाम से और उनके गुर्गों के नाम से शरीफ व सम्मानित भवन स्वामी को धौंस दिखाकर जबरन उसके भूभाग में बने दुकान पर अपना अवैध कब्जा जमाये हुये है। जिसके सम्बन्ध में शनिवार को पीड़िता ने जनपद के अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय व अपराध डा. के. एजिलरसन से मुलाकात की। जहां वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा पीड़िता को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया गया है।
घटना के सम्बन्ध में पीड़िता जोया अख्तर पत्नी मोहम्मद शोएब ने मुख्यालय पर उपस्थित पत्रकार बन्धुओं को बताया कि उसके पति मोहम्मद शोएब को चौक थाना क्षेत्र के दालमण्डी में स्थित पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा मिला हुआ है। जहां पूर्व से ही कुछ दुकाने बनी हुई है। जो काफी जर्जर अवस्था में है जिससे कभी भी कोई जनहानि हो सकती है।
वहीं उक्त सम्पत्ति में दुकान भी बनी हुई है जिसमें विपक्षीगण अब्दुल राजिक पुत्र शहनवाज उर्फ मीनू घड़ी वाले जो मूल रूप से जनपद गाजीपुर के है और वर्तमान समय में रजा कालोनी खजुरी वाराणसी में निवास करते है तथा कुतुबुद्दीन पुत्र स्व. मोहम्मद जहूर निवासी रजा कालोनी खजुरी वाराणसी जो एक दबंग, गुण्डा बदमाश व भूमाफिया किस्म के व्यक्ति है।
वहीं विपक्षियों पर पूर्व में भी कई आपराधिक मुकदमें पंजीकृत है तथा जो अपना सम्बन्ध पूर्वांचल के जाने माने कई बड़े माफियाओं व अपराधियों से होने के साथ ही गाजीपुर के मृत माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी भी बताते है। जिनके द्वारा प्रार्थिनी के भूभाग पर बने दुकान में विगत कई वर्षों से अवैध कब्जा किया गया है और किराया भी नहीं दिया जाता।
जिसे प्रार्थिनी के पति के द्वारा कई बार विपक्षी से दुकान को खाली कर देने के लिये कहा गया, परन्तु विपक्षी अपनी दबंगई के बल पर दुकान को खाली नहीं कर रहे है, जबकि विगत 20 जनवरी 2025 को प्रार्थिनी के पति व विपक्षियों के बीच आपसी सहमति से दुकान खाली करने को लेकर सुलह समझौता मानिंद लोगों के बीच में किया गया है।
वहीं जब सुलह समझौता होने के बाद पीड़िता के पति ने जब विपक्षियों से दुकान को खाली करने की बात कही तो उनके द्वारा पीड़िता के पति से 20 लाख रूपये अवैध तरीके से मांगे गये और कहा गया कि उक्त दुकान को हम लोग खाली नहीं करेंगे और हम लोग तुम्हे यहां रहने भी नहीं देंगे।
आगे पीड़िता ने बताया कि उसका मायका लखनउ में है जहां वो अपने पति और बच्चे के साथ निवास करती है, जहां उसे काफी दुश्वारियों का सामना भी करना पड़ रहा है। वहीं सूत्र बताते है कि विपक्षीगणों में से एक शहनवाज उर्फ मीनू घड़ी वाले के खिलाफ विभिन्न घड़ी की कम्पनियों के द्वारा नकली घड़ी व कापीराइट के मामले में थाना चौक पर कई मुकदमा भी पंजीकृत कराया गया है, साथ ही मकबूल आलम रोड खजुरी में भी एक मकान को कब्जा करने की बात भी सूत्रों के द्वारा बताया गया।
अब देखना ये है कि एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुखिया योगी आदित्य नाथ के द्वारा महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन की बात कही जाती है तो क्या इस पीड़िता का भी सुरक्षा व सम्मान बरकरार रहेगा। ये तो भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल बीएम ब्रेकिंग न्यूज की पड़ताल जारी है।