Varanasi Crime News: अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में पिता, पुत्र को न्यायालय ने किया दोषमुक्त
Varanasi Crime News: वाराणसी। युवती का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के साथ ही अश्लील वीडियो व फोटो बनाकर ब्लैकमेल कर नगद व जेवरात हड़पने के मामले में पिता-पुत्र को कोर्ट से राहत मिल गयी। फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय) सुनील कुमार की अदालत ने मुकदमे के विचारण के बाद आरोप सिद्ध न होने पर चौबेपुर थाना क्षेत्र निवासी आरोपित वीरेन्द्र यादव व उसके पुत्र विशाल यादव को दोषमुक्त कर दिया।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व चंद्रबली पटेल ने पक्ष रखा। अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रार्थिनी के पड़ोस में रहने वाला विशाल यादव प्रार्थिनी पर गंदी व बुरी नियत रखता था तथा अश्लील हरकत करता था।
प्रार्थिनी के पति सूरत में रहकर नौकरी करते थर। इस बात का फायदा उठाकर जब उसके सास-ससुर घर-गृहस्थी के कार्य में खेत पर गये थे। रात्रि में विशाल रात्रि 10 बजे प्रार्थिनी घर के अन्दर आकर उसको दबोच लिया तथा चाकू दिखाकर लड़के की हत्या की धमकी देते हुए प्रार्थिनी को निर्वस्त्र कर उसके साथ दुष्कर्म किया तथा अश्लील आपत्तिजनक मोबाइल में फोटो बनाया।
साथ ही किसी को बताने पर उसे वायरल कर बेइज्जत करने की धामकी दिया। प्रार्थिनी घर परिवार की इज्जत को देखते हुए चुप रही। इसी बात का लाभ उठाकर 03 मई 2021 को समय 01.05 मिनट पर दिन में अपने मोबाइल से कॉल करके घर से पति द्वारा लाया गया नगदी, आभूषण व कीमती सामान लेकर पीछे के दरवाजे से बगीचे में बुलाया कि वह लेकर सबकुछ मोबाइल से डिलीट कर देंगे, अन्यथा सब वायरल कर देंगे।
प्रार्थिनी भयवश घर में रखा बीस हजार नगद व अपना आभूषण लेकर चुपके से देने पहुँची। वहीं पर विशाल बुलेट मोटर साईकिल से खड़ा था तथा उसका पिता वीरेन्द्र भी खडा था। रुपया व गहना वीरेन्द्र ने ले लिया तथा विशाल उसे खींचकर गाडी पर बैठाकर डरा धमकाकर मुगल सराय स्टेशन गया, वहाँ से बिहार ले गया तथा वही पर रात में रुककर एक किराये के कमरे में फिर से उसके साथ दुष्कर्म किया।
इधर उसके पति ने खोजबीन करना शुरू किया तो विशाल उसे कैण्ट स्टेशन लेकर आया और वहां छोड़कर डरा धमकाकर कहा कि जैसा कहा जाए वैसा करना नहीं तो जिंदगी बर्बाद कर दूंगा।
किसी तरह घर पहुंचने के बाद प्रार्थिनी ने चौबेपुर थाने पहुंचकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराई। वहीं दोनो पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय के द्वारा मुकदमे के विचारण के बाद आरोप सिद्ध न होने पर आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।