Varanasi Crime News: लाॅरेंश विश्नोई गैंग के सक्रिय सदस्य हरीश विश्नोई की जमानत न्यायालय ने किया मंजूर

 
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अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व सहयोगी अधिवक्ता मुकेश सिंह, दुर्गेश राम व सुशील सिंह ने पक्ष रखा

Varanasi Crime News: वाराणसी। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश विनोद कुमार सत्यम की अदालत ने थाना साइबर क्राइम में दर्ज 27.25 लाख रूपए साइबर क्राइम के जरिए ठगी के मामले में अभियुक्त हरीश उर्फ हरीश बिश्नोई पुत्र बाबू राम निवासी ग्राम व पोस्ट खाजूवाड़ा थाना दंतोर जनपद बीकानेर, राजस्थान की ओर से प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

बचाव पक्ष की ओर से अदालत में अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व सहयोगी अधिवक्ता मुकेश सिंह, दुर्गेश राम व सुशील सिंह ने पक्ष रखा। प्रकरण के अनुसार वादी अजय कुमार श्रीवास्तव द्वारा संबंधित थाने मे तहरीर दी कि वादी मुकदमा के मोबाईल पर दिनांक 29.05.2024 को शिक्षा प्रशिक्षण के उद्देश्य से बी आर पी देसाई के संपर्क में आया।

बाद में उन्होंने उसे बताया कि वे संस्थागत निवेश प्राधिकरण के अंतर्गत आते हैं और शेयर बाजार में निवेश करते हैं। उन्होंने अपनी बेबसाईटें दी, जिनके माध्यम से वादी ने 27 लाख 25 हजार रूपये निवेश किया।

वादी मुकदमा के बैंक खाता शाखा सिगरा वाराणसी से 5 लाख रूपये दो किश्तों में तथा कोटक बैंक खाता शाखा सिगरा वाराणसी से 20 लाख 25 हजार रूपये दो किश्तों में निवेश किये, जिससे प्रार्थी का पोर्टफोलियो 32,84,070 रूपये का हो गया।

जब प्रार्थी ने रूपया निकालने का प्रयास किया तो मना कर दिया। उसके साथ धोखा हुआ। बता दे कि इस मामले में कुछ दिन पहले एक प्रतिष्ठित अखबार में भी सामाचार प्रकाशित हुआ था। जिसमे वाराणसी के साड़ी कारोबारी से निवेश के नाम पर 27.25 लाख की ठगी में साइबर पुलिस ने सरगना समेत चार शातिर जालसाजो को गिरफ्तार किया था। गैंग लीडर अंर्तराष्ट्रीय हैकर बताया गया।

जिसका इस्तेमाल लाॅरेंश बिश्नोई, डूल्लू गैंग समेत कई अन्य गिरोह करते थे। डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार और एडीसीपी सवरणन टी. ने पुलिस लाइन के सभागार में गिरफ्तारी का खुलासा किया था। डीसीपी ने बताया कि लाॅरेंश बिश्नोई समेत कई गिरोह आशीष की मदद से बड़ी वेबसाइटों को हैक करते है।

उक्त के दौरान पुलिस ने बताया कि बचने के लिए शातिर आशीष पानी टंकी पर चढ़ गया। काफी प्रयास के बाद उसे टंकी से उतार कर पकड़ा गया। पूछताछ में उसने बताया की सादे वर्दी में पुलिसकर्मियों को देख उसे लगा कि हरियाणा के डूल्लू गिरोह के लोग उसे पकड़ने आए हैं। गिरोह के लोग उसे पकड़कर जबरन हैकिंग कराते है। वहीं दोनो पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय के द्वारा आरोपी की जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया।

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