varanasi crime news: लूट के आरोपियों को न्यायालय से मिली जमानत
varanasi crime news: वाराणसी। जनपद वाराणसी के थाना रोहनियां में मुअसं. -211/2024, अंतर्गत धारा 309 (4), 317(2) बीएनएस के प्रकरण में अभियुक्तगण राहुल तिवारी व प्रियांशु पाण्डेय की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। अवर न्यायालय द्वारा अभियुक्तगण के जमानत प्रार्थना पत्र को निरस्त किये जाने संबंधी आदेश की सत्य प्रतिलिपि संलग्न की गयी है।
जमानत प्रार्थना पत्र में कथन किया गया है कि अभियुक्तगण का यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है। इसके पूर्व भी जमानत आवेदन न तो माननीय उच्च न्यायालय, न ही माननीय सत्र न्यायालय में लम्बित है, न ही निस्तारित है। जमानत प्रार्थना पत्र में अभियोजन कथानक को अंकित करते हुए अग्रेतर सारतः कथन किया गया है कि अभियुक्तगण को अभियोग उपरोक्त में गिरफ्तार कर थाना रोहनिया की पुलिस द्वारा न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया।
सम्पूर्ण अभियोजन कथानक मनगढंत व फर्जी है। कथित अपराध में अभियुक्तगण की कोई संलिप्तता नहीं है और न ही आवेदकगण द्वारा रूपया 1750/- की लूट करने का कोई अपराध कारित ही किया गया है। आवेदकगण के पास से किसी हथियार या असलहा की कोई बरामदगी नहीं हुई है और यह स्वाभाविक भी नहीं है कि कोई व्यक्ति लूट की वारदात करने जाए और उसके पास कोई हथियार न हो।
असल वाकया यह है कि आवेदकगण अपने वाराणसी स्थित आवास से विंध्याचल मंदिर, मिर्जापुर दर्शन करने जा रहे थे कि इसी बीच मोहन सराय के पास गलत दिशा में ट्रक लेकर आ रहे ड्राइवर ने आवेदकगण की मोटर साइकिल को बगल से धक्का मार दिया।
जिस पर आवेदकगण मोटर साइकिल सहित गिर गए और ट्रक चालक को पकडकर आवेदकगण थाना रोहनियां ले गए। जहां पर ट्रक चालक ने मोबाइल फोन से अपने मालिक से थाना के दरोगा से बात कराया। इसके उपरांत दरोगा ने बजाय ट्रक चालक के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही करने के आवेदकगण को ही झूठा रूपया 1750 की लूट का आरोप लगाकर बंद कर दिया।
प्रथम सूचना रिपोर्ट सात घंटे बाद दर्ज करायी गयी है। आवेदकगण दिनांक 29.07.2024 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध है। आवेदकगण उपरोक्त पते के स्थायी निवासी है, बाद जमानत पलायन की संभावना नहीं है. अतः उन्हें जमानत पर रिहा किया जाये।
प्रार्थना पत्र पर आवेदक के विद्वान अधिवक्ता तथा विद्वान अपर जिला शासकीय अधिवक्ता को न्ययालय के द्वारा सुना गया। वहीं विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध करते हुए कथन किया गया कि अभियुक्त द्वारा कारित अपराध गम्भीर प्रकृति का है।
जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचना की गयी। बहस के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा संबंधित थाने की आख्या तथा केस डायरी को प्रस्तुत किया गया है। केस डायरी के मात्र दो पर्चों को प्रस्तुत करते हुए विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा यह कथन किया गया कि वर्तमान समय तक केस डायरी में उक्त पचों को ही किता किया गया है।
वहीं दोनो पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय के द्वारा अपने आदेश में कहा गया कि अभियुक्तगण राहुल तिवारी व प्रियांशु पाण्डेय का जमानत प्रार्थनापत्र स्वीकार किया जाता हैं। अभियुक्तगण प्रत्येक के द्वारा रू0 75,000/- (पचहत्तर हजार रूपये मात्र) का व्यक्तिगत बंधपत्र व समान धनराशि के दो प्रतिभू संबंधित मजिस्ट्रेट की संतुष्टि पर दाखिल करने पर अभियुक्तगण को जमानत पर रिहा किया जाये।
वहीं प्रतिवादी की ओर से न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी व शादाब अहमद ने पक्ष रखा।