Varanasi Crime News: अभियुक्तगणों की जमानत चाचिका को न्यायालय ने किया खारिज

 
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जमानत याचिका का विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार गुप्ता व पूर्व सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष विवेक शंकर तिवारी ने किया

Varanasi Crime News: वाराणसी। जनपद की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश कुलदीप सिंह की अदालत ने थाना लालपुर पाण्डेयपुर में दर्ज मुकदमा अपराध संख्या 331/2024 धारा 191 (2), 333, 115 (2), 352, 351 (2), 76, 304 (2), 324 (2), 3 (5), 109 (1) बीएनएस में शामिल अभियुक्तगणों सूरज शास्त्री व कुशल जायसवाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

वहीं अदालत में जमानत याचिका का विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार गुप्ता व पूर्व सेन्ट्रल बार के अध्यक्ष विवेक शंकर तिवारी ने किया। वहीं अभियुक्तगणों के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुये कहा गया कि यह प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र है।

इसके अलावा प्रार्थीगण ने माननीय न्यायालय अथवा माननीय उच्च न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र न प्रस्तुत किया है न निर्णीत किया है और न विचाराधीन है। अभियुक्तगण की जमानत अवर न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया है। साथ ही अभियुक्तगणों के अधिवक्ता के द्वारा कहा गया कि घटना उपरोक्त में गलत एवं फर्जी तथ्यों के आधार पर अभियुक्त बनाया गया है।

अभियुक्त कुशल जायसवाल की पत्नी रोशनी जायसवाल के सोशल मीडिया एकाउंट पर वर्ष 2021 से सैफरान राजेश सिंह नाम के व्यक्ति के अकाउंट से अपने एफबी टाइम लाइन पर अभद्र टिप्पणियां लगातार किया जा रहा है। राजेश सिंह द्वारा दिनांक 13/9/24 को प्रार्थी की पत्नी रोशनी को अमर्यादित भाषा का प्रयाग करते हुये बलात्कार की धमकी दी गयी।

उक्त धमकी का विरोध करते हुये अभियुक्त कुशल व प्रार्थी की पत्नी रोशनी व परिवार के अन्य लोग साथ में राजेष सिंह के निवास पर जाकर पूछा कि आप बड़े है मै आपकी बेटी समान हूं आप मेरे लिये ऐसी भाषा का प्रयोग कैसे कर सकते है।

जिस पर उग्र होकर राजेश सिंह द्वारा प्रार्थी की पत्नी रोशनी का हाथ पकड़ कर जोर से ढकेल दिया गया तथा प्रार्थी को भी बुरी तरह मारा पीट गया तथा प्रार्थी के गले से सोने की चैन भी जबरदस्ती छीन लिये तथा जान से मारने की धमकी दिये।

जब रोषनी जायसवाल प्रार्थी/अभियुक्त को बचाती है तो राजेश सिंह द्वारा गलत तरीके से प्रार्थी की पत्नी रोशनी के प्राइवेट पार्ट पर हुआ जाता है तथा गाली गलौज देकर जान माल व सामूहिक बलात्कार की धमकी दी जाती है। उपरोक्त गंभीर घटना की सूचना प्रार्थी की पत्नी रोशनी जायसवाल द्वारा दिनांक 15/9/24 को थाना लालपुर पाण्डेयपुर को दी गयी जिस पर राजेश सिंह के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 332/24 विभिन्न गम्भीर धाराओं में दर्ज हुआ है।

विपक्षी राजेश सिंह द्वारा अपने किये गये अपराध से बचने की नियत से तथा प्रार्थी की पत्नी द्वारा एफआईआर कराये जाने की पेशबन्दी में यह मुकदमा बिल्कुल गलत एवं असत्य तथ्यों के आधार पर दर्ज करवाया गया है। अभियुगण को दिनांक 16/9/24 को एकपक्षीय रूप से शान्ति भंग की आशंका पर गिरफ्तार किया गया तथा उक्त शान्ति भंग के मामले में जमानत स्वीकृत होने पर बंध पत्र प्रस्तुत किये गये जिन्हें जानबूझकर स्वीकृत न कर कई दिनों तक प्रार्थीगण की रिहाई स्थगित रखी गयी तथा दिनांक 19/9/24 को प्रार्थीगण की रिहाई की तैयारी की जानकारी होने पर मुकदमा उपरोक्त में बिना किसी साक्ष्य के आधार पर धारा 109 (3), 3 (5) बीएनएस को बढ़ाकर प्रार्थीगण को जेल से तलब कर अभिरक्षा रिमाण्ड बनवा कर पुनः जेल में निरूद्ध कर दिया गया है।

उपरोक्त धारा का अपराध नहीं बनता है और न ही किसी को कोई प्राण घातक चोट आयी है और न मेडिकल साक्ष्य से समर्थित है। अभियुक्तगण द्वारा न तो किसी वादी पक्ष को मारा पीटा गया और न किसी की चैन व पैसा लूटा गया। अभियुक्तगण निर्दोष है तथा कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।

अतः उसे जमानत पर रिहा किये जाने की याचना की गयी है। वहीं इस सम्बन्ध में जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार गुप्ता व वादिनी मुकदमा की ओर से पूर्व सेन्ट्रल बार अध्यक्ष विवेक शंकर तिवारी की ओर से उक्त जमानत चाचिका का प्रबल विरोध किया गया।

वहीं न्यायालय के द्वारा दोनो पक्षों की दलील को सुनने के बाद कहा गया कि मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों व अपराध की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये आवेदक/अभियुक्त को जमानत पर छोड़े जाने का पर्याप्त आधार नहीं है। गुण दोष पर कोई टिप्पणी किये बगैर अभियुक्त के द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने योग्य है। अतः अभियुक्तगण सूरज शास्त्री व कुशल जायसवाल की ओर से प्रस्तुत प्रथम जमानत प्रार्थना पत्र तदनुसार खारिज किया जाता है।

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