Varanasi Crime News: हत्या के आरोपी की जमानत अर्जी को न्यायालय ने किया खारिज
Varanasi Crime News: वाराणसी। जनपद के मिर्जामुराद थाने में दर्ज मुअसं. 131/2024 धारा 147, 148, 149, 323, 504, 506, 452 व 302 आईपीसी के आरोपी उत्कर्ष यादव उर्फ रिशु निवासी ग्राम खालिसपुर थाना मिर्जामुराद वाराणसी की जमानत अर्जी को सत्र न्यायाधीश वाराणसी के द्वारा खारिज कर दिया गया तथा न्यायिक अभिरक्षा मे उसे जेल भेज दिया गया।
वहीं अभियोजन कथानके के अनुसार वादी प्रकाश भाई दिनांक 12/6/2024 को सुबह अपने पुश्तैनी मकान में कुछ मजदूरों के साथ साफ सफाई का कार्य करवा रहा था कि इसी बीच उसका पड़ोसी गोविन्द दुबे व राजा दुबे जो वादी के परिवार से काफी रंजिश रखता है और आपराधिक किस्म का व्यक्ति है।
वादी व समूचे परिवार को जान से मारने की धमकी व मां बहन की भद्दी भद्दी गालियां देने लगा। समूचे घटना की सूचना 112 पर डायल कर वादी ने दिया मौके पर पुलिस के आने से पहले ही विपक्षी मौके से हट गये और पुलिसवालों के जाने के तुरन्त बाद विपक्षीगण की मां आशा दूबे बहन राधा दूबे ललकारते हुये घर से बाहर आयी और बोली कि आज इन लोगों के पूरे परिवार का अन्त कर दो।
ललकार सुनकर विपक्षीगण अपने साथ लगभग 10-12 नकाबपोश जिनके हाथ में धारदार हथियार लाठी, डंडा व राड इत्यादि थे लेकर दौड़ते हुये वादी व समूचे परिवार को जान से मारने की नियत से काफी बुरी तरह से मारने पीटने लगे।
चीखते चिल्लाते हुये वादी व उसका परिवार अपने घर के अन्दर घुस गया परन्तु विपक्षीगण घर के अन्दर भी घुसकर सिर गर्दन व शरीर के तमाम जगहों पर लाठी राड डण्डों से मारे पीटे जिसमें वादी के चाचा मुन्नीलाल व चचेरे भाई कमलेश का सिर फट गया और दोनो अचेत होकर मौके पर ही गिर गये और वादी व उसके छोटे चाचा चन्द्रभूषण को भी अन्दरूनी चोटे आयी।
विपक्षीगणो के द्वारा मृत मानकर ललकारते व धमकी देते हुये कहा गया कि तुम्हारे समूचे परिवार का आज अन्त हो गया अब भविष्य में कभी भी मेरी तरफ निगाह उठाकर मत देखना कहते हुये चले गये। वादी किसी तरह परिवार व अन्य लोगों के सहयोग से गम्भीर रूप से चोटिल चाचा व चचेरे भाई व अन्य चोटिल परिवारजनों को बीएचयू ट्रामा सेन्टर ले गये जहां गम्भीर अवस्था में उनका इलाज चल रहा है और परिवार के अन्य सदस्यों को भी उपचार हेतु अन्य लगहों पर भर्ती किया गया।
जहां घायलों में मुन्नीलाल को गम्भीर चोट आने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी और 6 लोग घायल हुये थे। वहीं अभियुक्त की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया कि उसे झूठा फंसाया गया है। उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। वह कथित घटना में शामिल नहीं था। वह नामित अभियुक्त नहीं है।
वह ग्राम खालिसपुर का निवासी है और घटना ग्राम बेनिपुर की है जो उसके गांव से 5 किलोमीटर दूर है। उसकी कोई रंजिश वादी पक्ष से नहीं रही है। इस कारण घटना में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है। उसका सहअभियुक्तगण से कोई वास्ता सरोकार नहीं है।
उसे दिनांक 14/6/2024 की रात्रि 9 बजे घर से बुलाकर थाने ले जाया गया और झूठी गिरफ्तारी दिखाकर चालान कर जेल भेज दिया गया तथा अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह निर्दोष है। अतः जमानत पर रिहा किये जाना न्यायोचित है।
वहीं विद्वान शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र का प्रबल विरोध करते हुये जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किये जाने की याचना की गयी। जिस पर न्यायालय के द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना गया तथा थाने से प्राप्त आख्या एवं केस डायरी का परिशीलन किया गया।
वहीं न्यायालय के द्वारा कहा गया कि समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये बिना गुण दोष पर कोई टिप्पणी किये, न्यायालय का मत है कि अभियुक्त को जमानत पर रिहा किये जाने का आधार पर्याप्त नहीं है। जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है। वहीं वादी की ओर से न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी, मयंक मिश्रा, आलोक वर्मा, कविन्द्र कुमार मौर्य ने पक्ष रखा।