Varanasi Crime News: विकलांग प्रमाण-पत्र में धांधली व धन उगाही के जांच की मांग
साभार - वरिष्ठ पत्रकार
वाराणसी। जीरो टालरेंस व भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का सपना मात्र कागजी खानापूर्ती होकर रह गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस पाॅलिसी को लागू करने व इस पर अमल करने के लिए मंत्रियों के साथ ही आईएएस, पीसीएस अफसर उनकी पत्नी और परिजनों को अपनी समस्त चल व अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करने का फरमान जारी किया गया था।
परन्तु न तो किसी मंत्री, अधिकारी व कर्मचारी ने इसको तवज्जो दी। जिसका नतीजा है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर मंत्री तक सरकार के आदेशों की अनदेखी कर अपनी जेब भरने में मशगूल हैं। ऐसा ही मामला पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय का प्रकाश में आया है।
जहां सीएमओ आफिस का चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी अपना सम्बधिकरण डीडीयू अस्पताल के कुष्ठ रोग में करा लिया। अधिकारियों के रहमो करम पर उक्त कर्मचारी दिव्यांगों का प्रमाण पत्र बनवाने का कार्य देखने लगा, और दिव्यांगों का प्रमाण पत्र बनवाने के साथ ही धन उगाही में संलिप्त हो गया।
जिसकी शिकायत नवापुरा बलुवा निवासी रमेश प्रसाद शर्मा सीएमओ को 11 जुलाई को लिखित शिकायत करते हुए आरोप लगाया है कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में अपनी विकलांग पुत्री का विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाने गया।
जहां विकलांगता प्रमाण पत्र हेतु कर्मचारियों ने मुझे कुष्ठ रोग विभाग भेज दिया। जहां मुझे शिव प्रकाश पाण्डेय व्यक्ति ने अपने को सरकारी कर्मचारी बताते हुए विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रति 10 प्रतिशत विकलांगता बढ़ाने के लिए 10 हजार की दर से पैसे की मांग की।
मेरे कहने पर कि मेरी बेटी विकलांग है तो उसने कहा की कुछ भी हो 15 हजार रुपये आपको देना होगा। जब मैं अन्य लोगों से पूछा तो उनके द्वारा कहा गया कि यहां निःशुल्क विकलांग प्रमाण पत्र बनाया जाता है। शिव प्रकाश पाण्डेय मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात है।
और यहां जिला कुष्ठ कार्यालय में अपने आपको सम्बद्ध कराकर डाक्टरों से दवाओं का लिखवाना एवं राहुल मेडिकल स्टोर जो कि पाण्डेयपुर व डीडीयू अस्पताल के मध्य है। शिकायतकर्ता ने उक्त व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वहीं सीएमओ ने इस सम्बन्ध में बताया कि उक्त के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है। जिसकी जांच कराई जा रही है। सत्यता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।