Varanasi Crime News: डकैती के आरोपी दरोगा पर लगा गैंगस्टर, पुलिस ने भेजा जेल
Varanasi Crime News: वाराणसी। ज्ञात हो कि 22 जून की रात जनपद के चौक थाना क्षेत्र के नीचीबाग के एक ज्वेलर्स जयराम के कर्मियों अविनाश गुप्ता, धनंजय यादव से 42.50 लाख रुपये और कोलकाता के कारोबारी आतिश से पांच लाख रुपये की डकैती के मामले में पुलिस ने आरोपित दारोगा सूर्य प्रकाश पांडेय के डकैत गिरोह पर गैंगस्टर लगाकर शिकंजा कसने का कार्य किया है।
बताते चले कि वाराणसी में वर्दी के आड़ में लुटेरों का गैंग चलाने वाले दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय पर पुलिस ने गैंगस्टर लगाया है। केस में चार्जशीट दाखिल होने के बाद पुलिस ने गुरुवार को दरोगा को पुनः गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर अब दरोगा को बर्खास्त किया जायेगा।
जांच में दरोगा के कई और मामले भी खुलकर सामने आ गये है। इसके साथ की जमानत पर छूटे दरोगा व गिरफ्तारी से अब तक बचते रहे एक बदमाश की गिरफ्तारी भी किसी भी समय हो सकती है। इससे पूर्व 22 सितंबर को रामनगर थाना प्रभारी राजू सिंह ने डकैती गिरोह के सभी 6 आरोपितों के खिलाफ जांच पूरी कर चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी।
वारदात के छह आरोपित जिन पर गैंगस्टर लगा है उनमें सूर्यप्रकाश पांडेय, निवासी कर्नलगंज प्रयागराज और मूल निवासी पांडेयपुर जनपद बलिया, पूर्व नदेसर पुलिस चौकी प्रभारी, नीलेश यादव निवासी बड़ागांव, मुकेश दुबे निवासी बड़ागांव, योगेश पाठक निवासी चोलापुर, विकास मिश्रा आयर बाजार चोलापुर, अजय गुप्ता, अहिरौली आयर बाजार चोलापुर शामिल है।
दरअसल इस मामले के मुख्य आरोपी सूर्य प्रकाश पांडेय को पिछले दिनों पुलिस की लचर पैरवी के चलते जमानत मिल गई थी। न्यायालय में पुलिस पूरे सबूत भी पेश नहीं कर सकी थी। जिसमें पुलिस अधिकारियों ने फिर दरोगा को गिरफ्तार किया है।
अब उसकी गिरफ्तारी गैंगस्टर केस में की गई है, जिसमें उसके गिरोह के अन्य बदमाशो को भी शामिल किया गया है। बताते चले कि वाराणसी में वर्दी की आड़ में दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय लुटेरों का एक गैंग चला रहा था। दरोगा ने चार साथी युवकों के साथ नकली स्पेशल क्राइम ब्रांच बनाई और हाईवे पर लूट करने लगा।
जिसमें इसके साथी रेकी करते थे फिर दरोगा साथियों के साथ छापेमारी करता इसके बाद जब्त माल को आपस में बांट लेते थे। उसने 22 जून 2024 को जीटी रोड पर ज्वेलरी कारोबारी के कर्मचारियों से 93 लाख रुपए पड़े थे। कारोबारी को डरा धमका कर हवाला का पैसा बताकर 42 लख रुपए रख लिए और 51 लाख लौटा दिए थे।
उसके बाद कारोबारी ने केस दर्ज कराया तब जाकर पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने जब जांच करनी शुरू की तो वारदात के वक्त दरोगा के नंबर की लोकेशन घटनास्थल पर मिली थी। यह पता चलने पर कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस ने दारोगा और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया दरोगा से अब तक आठ लाख रुपए बरामद भी किये जा चुके हैं।