Varanasi Crime News: मारपीट व लूट प्रकरण में प्रधान व जिला पंचायत सदस्य को मिली जमानत
Varanasi Crime News: वाराणसी। बर्थडे पार्टी मनाने जा रहे एक पत्रकार व उनके परिवार पर हमलाकर, लूटपाट करने के मामले में आरोपित ग्राम प्रधान व जिला पंचायत सदस्य को कोर्ट से राहत मिल गयी। अपर जिला जज (चतुदर्श) देवकांत शुक्ला की अदालत में आरोपित वाजिदपुर, बड़ागांव के ग्राम प्रधान लालमन यादव व उसके भाई जिला पंचायत सदस्य मूलचंद यादव को एक-एक लाख रुपए की दो जमानत एवं बंध पत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव व कृष्णा यादव ईलू ने पक्ष रखा। वहीं अभियोजन पक्ष के अनुसार लालपुर-पाण्डेयपुर थाना क्षेत्र के दौलतपुर निवासी अजीत कुमार सिंह ने बड़ागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
जिसमें आरोप था कि 5 सितम्बर 2024 को वह अपनी बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए परिवार के साथ अपनी कार से हरहुआ क्षेत्र में स्थित एक रेस्टोरेंट में जा रहे थे। वह जैसे ही वाजिदपुर गांव के समीप रिंग रोड पर पहुंचे तो एक ट्रक ने उनकी कार में जोरदार टक्कर मार दी।
इस दौरान वह लोग गाड़ी रोककर ट्रक चालक को पकड़ लिये। इसी दौरान वहां वाजिदपुर गांव के प्रधान लालमन यादव अपने भाई मूलचंद यादव, कल्लू यादव, कल्लू का छोटा भाई व बड़ा भाई वाल्टा वाला के साथ कई अज्ञात लोगों के साथ गिरोह बनाकर उन पर व उनके परिवार पर हमला कर मारने-पीटने लगे।
इस दौरान उन लोगों ने उनकी मां व पत्नी के गले से सोने की चेन लूट लिये। इस दौरान गाड़ी में बैठे उनके एक मित्र छवि सिंह ने जब बीचबचाव किया तो हमलावरों ने उसे भी मारा पीटा और उसका भी चेन छीनकर जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग निकले।
इस मामले में पुलिस ने ग्राम प्रधान लालमन यादव व उनके भाई मूलचंद यादव को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। उधर, प्रधान व जिला पंचायत सदस्य की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने पर सपा के चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह, एमएलसी आशुतोष सिन्हा, सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़ पहलवान समेत कई सपा नेता कोर्ट पहुंचकर आरोपितों से मुलाकात किये थे।
इस दौरान अदालत परिसर में भी सपा नेताओं ने हंगामा मचाया था। हालांकि बाद में वरिष्ठ अधिवक्ताओं व सपा के वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ था और अदालत में दोनों आरोपितों का रिमांड बनाकर उन्हें जेल भेज दिया गया था। वहीं दोनो पक्षों की दलील को सुनने के बाद न्यायालय के द्वारा आरोपी को एक-एक लाख रुपए की दो जमानत एवं बंध पत्र देने पर रिहा करने का आदेश दे दिया।