Varanasi Crime: पुलिस ने गढ़ी 1.40 करोड़ रुपये की डकैती की कहानी, SIT से जांच कराने की मांग
Varanasi Crime: वाराणसी में गुजरात की फर्म के कार्यालय से 1.40 करोड़ रुपये की डकैती के मुख्य आरोपी तिलमापुर निवासी अजीत मिश्रा के पिता विमलेश मिश्रा ने मंगलवार को पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन को प्रार्थना पत्र दिया।
विमलेश ने मामले की जांच सीबीसीआईडी या फिर एसआईटी से कराने की मांग की है। उनका आरोप है कि कमिश्नरेट पुलिस के एक अफसर की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। अफसर ने अकेले ही 60 लाख रुपये हड़प लिए हैं। पुलिस आयुक्त ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
मुख्य आरोपी के पिता विमलेश मिश्रा ने पुलिस आयुक्त से कहा कि गिरफ्तार घनश्याम मिश्रा ने बेटे अजीत मिश्रा से एक व्यापारी के यहां पैसा फंसने की बात कही थी। पैसा निकलवाने में मदद मांगी थी। इस पर बर्खास्त व तत्कालीन भेलूपुर थाना प्रभारी रमाकांत दुबे ने अजीत को फोन किया और कहा कि घनश्याम एक राजनीतिक दल के नेता और हमारे परिचित हैं। मदद कर दें।
कमीशन दिलवाने का भरोसा भी दिया था। 29 मई की रात थाना प्रभारी भेलूपुर बैजनत्था क्षेत्र की आदि शंकराचार्य कॉलोनी स्थित व्यापारी के कार्यालय पहुंचे। वहां दो करोड़ रुपये मिले, जिसमें से एक करोड़ को घनश्याम मिश्रा ने अपना बताया। घनश्याम मिश्रा को उसका पैसा दिया गया।
इसके एवज में मोटा कमीशन भी लिया गया। साथ ही एक करोड़ रुपये और रख लिए गए। इसका बंटवारा 30 मई को शुरू हुआ। एक बर्खास्त दरोगा को पांच लाख रुपये दिए गए, लेकिन वह 25 लाख की मांग पर अड़ गया। यहीं से बात बिगड़ गई। दरोगा ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस के एक अफसर को दी। अफसर ने जिम्मेदारों को बुलाया और एक करोड़ रुपये रखवा लिया।
इसके बाद अजीत, घनश्याम व उसके सहयोगियों को थाने बुलाया गया। घनश्याम व उसके सहयोगियों से 60 लाख रुपये वसूले गए, फिर थाने से जाने दिया गया। 31 मई को लावारिस कार की डिकी से 92.94 लाख रुपये की बरामदगी की कहानी गढ़ी गई। चार जून को डकैती का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पूरे मामले में पुलिस की भूमिका रही है।
सब कुछ पुलिस की जानकारी में हुआ था। डकैती के मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराने के लिए भेलूपुर थाने की पुलिस ने अदालत में मंगलवार को अर्जी दी है।
भेलूपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि अजीत मिश्रा सहित अन्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। गैर जमानती वारंट मिलने के बाद अजीत मिश्रा के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। कुर्की की अनुमति भी अदालत से मांगी जाएगी।