Varanasi Development Authority: वीडीए व बिल्डरों की मिलीभगत से अवैध निर्माण जोरों पर
Varanasi Development Authority: देश के प्रधानमंत्री व वाराणसी के सांसद नरेन्द्र मोदी व सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को स्मार्ट सिटी बनाने का बीड़ा उठाया है, तब से मानो जनपद में अवैध निर्माण कार्यों में बाढ़ सी आ गयी है।
देखा जाये तो जनपद के चौक, कोतवाली, आदमपुर, नरिया, भेलूपुर, साकेत नगर, दालमण्डी, पियरी, चेतगंज, नईसड़क, सिगरा सहित तमाम क्षेत्रों में जमकर चल रहा है अवैध निर्माण कार्य ठेकेदारो, बिल्डरों व भवन स्वामियों के द्वारा जोर शोर से कराया जा रहा है।
वहीं इन निर्माण कार्य के लिये न तो वाराणसी विकास प्राधिकरण से कोई परमिशन लिया गया है और ना तो नक्शा ही पास कराया गया है। जिसका प्रमुख कारण है वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों, कर्मचारियों व बिल्डरों के मिलीभगत से चल रहा बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का खेल।
वहीं विश्वस्त सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो जनपद में जितने भी अवैध निर्माण कार्य चल रहे है उसके लिये विकास प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत शामिल है और इन निर्माण कार्यों को सुचारू रूप से चलने देने के लिये बिल्डरों व भवन स्वामियों के द्वारा मात्र 100 रूपये के स्टाम्प पेपर पर बिल्डर एग्रीमेंट कराकर करोड़ों रूपये का खेल खेला जाता है।
जिससे विभाग सहित प्रदेश सरकार को भी राजस्व की भारी क्षति पहुंचाने का कार्य बदस्तूर जारी है। वहीं विकास प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत भी इसी से साबित होता है कि विकास प्राधिकरण को हो रहे अवैध निर्माण की सूचना देने के बाद भी कोई कार्यवाही उक्त हो रहे अवैध निर्माण पर नहीं की जाती।
वहीं दूसरी ओर शिकायत पर अपने आपको घिरता देख विकास प्राधिकरण इन अवैध निर्माण कार्य को रोकने के लिये सिर्फ अपना कोरम पूरा कर पल्ला झाड़ लेती है, परन्तु हो रहे इन अवैध निर्माण के विरूद्ध ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करना भी उचित नहीं समझती।
इन अवैध निर्माण कार्यों को करा रहे भवन स्वामी, बिल्डर जो अपनी पकड़ राजनेताओं, अपराधियों, व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों व फर्जी पत्रकारों में भी बनाकर रखते है ताकि समय समय पर जहां उचित हो इनका इस्तेमाल कर अवैध निर्माण कार्यों को गति प्रदान करते रहे।
वहीं एक ओर जहां सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का दावा कर रहे है तो वहीं दूसरी ओर वाराणसी का विकास प्राधिकरण योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश के दावों की हवा निकालता भी नजर आ रहा है।
अब देखना यह है कि क्या वाराणसी विकास प्राधिकरण इन अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही करती है या फिर बिल्डर व भवन स्वामियों से सम्बन्ध निभाते हुये अपने निजी लाभ के लिये इन अवैध निर्माणों को गति प्रदान करती है, ये तो आने वाला समय ही बतायेगा। फिलहाल तफ्तीश जारी है।