Varanasi News: भवन स्वामी ने डीसीपी काशी जोन से लगायी गुहार
![Varanasi News: Bhavan Swami appealed to DCP Kashi Zone](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/d95f69835c7e8eeed9697bfc1917e1d3.jpeg?width=963&height=520&resizemode=4)
Varanasi News: वाराणसी। जनपद के चौक थाना क्षेत्र में एक मकान मालिक व किरायेदार का विवाद काफी बढ़ता ही जा रहा है। जहां दोनो पक्ष एक दूसरे के उपर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी रखे हुये है।
जहां एक ओर किरायेदार का आरोप है कि उससे मकान मालिक के द्वारा जबरन दुकान को खाली करा लिया गया है और दोबारा उसे दुकान नहीं दिया जा रहा है तो वहीं मकान मालिक का कहना है कि उक्त किरायेदार के द्वारा किरायेदारी का एग्रीमेंट किया गया था जिसमें उसका समय भी समाप्त हो चुका है और वह स्वयं दुकान बन्द कर उन्हें सौंप कर जा चुका है, और अब जबरन दुकान लेना चाहता है जो सम्भव नहीं है।
बताते चले कि वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र के सराय हड़हा भीखाशाह गली के निवासी मंसूर अहमद की पुश्तैनी मकान है, जिसमें पूर्व से ही कई किरायेदार अपनी दुकानों को चलाते है और अपना व अपने परिवार का भरण पोषण भी करते है।
जिसमें भवन स्वामी के अनुसार उनका मकान काफी जर्जर होने के कारण उसका निर्माण कार्य भी कराया जा रहा है, जिसके सम्बन्ध में वाराणसी विकास प्राधिकरण से बिना नक्शा व परमिशन के भवन का निर्माण कराये जाने से वाराणसी विकास प्राधिकरण के द्वारा उक्त भवन के निर्माण पर रोक भी लगायी गयी है, जिससे निर्माण कार्य बन्द है।
वहीं दूसरी ओर उक्त भवन में पूर्व किरायेदार सरफराज के द्वारा भवन स्वामी मंसूर अहमद से निर्माणाधीन कटरे में दुकान की मांग यह कहते हुये किया जा रहा है कि वो उसमें किरायेदार थे, जिसे भवन निर्माण के पूर्व भवन स्वामी ने उनकी दुकान को खाली करा लिया और अब उन्हें दुकान नहीं दिया जा रहा है।
जिसे लेकर किरायेदार सरफराज के द्वारा दुकान वापस लेने की गरज से उच्चाधिकारियों को पत्राचार भी किया गया, जिसकी जांच एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पाण्डेय के द्वारा की जा रही है।
वहीं इस सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के लिये जब भवन स्वामी से सम्पर्क किया गया तो भवन स्वामी मंसूर अहमद के द्वारा दस्तावेजों को दिखाते हुये बताया गया कि सरफराज के द्वारा 11-1-1991 को बकायदा किरायेदारी एग्रीमेंट के जरिये उनको दुकान दिया गया था, जिसमें उनके द्वारा दुकान का आखिरी किराया 30-11-2010 को दिया गया और फिर दुकान खाली करके चाभी सौंप दिया गया।
जबकि किरायेदार सरफराज का मकान भी मेरे मकान के ठीक सामने है और उनके मकान में भी दुकान है जिसे उन्होने किसी अन्य को किराये पर दे रखा है, उसके बाद सरफराज अपनी दुकान न करते हुये मेरे दरवाजे पर रास्ते में चैकी लगाकर दुकान करने लगे, जिस पर उनको मेरे दरवाजे से चैकी हटाने के लिये कहा गया तो अब वो अपने आपको मेरा किरायेदार बताते हुये जबरन दुकान लेना चाहते, जिसे मै नहीं दूंगा।
भवन स्वामी ने आगे बताते हुये कहा कि दुकान न देने की बात जब मेरे द्वारा कही गयी तो सरफराज के द्वारा अपने गुण्डा बदमाश लोगों को साथ लेकर मेरे घर पर चढ़ आये और मेरे पुत्र से कहा कि यदि तुम लोगों ने मुझे दुकान नहीं दिया तो अंजाम बहुत बुरा होगा और फर्जी आरोप लगाते हुये प्रार्थना पत्र थाना, चौकी पर दिया गया जिससे हम दबाव में आकर इनको दुकान दे दे।
वहीं बताया कि मै और मेरा परिवार सरफराज के आतंक से काफी भयभीत है, जिसके सम्बन्ध में हम लोगों ने भी उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाया है।