Varanasi News: भाजपा सरकार द्वारा सर्व सेवा संघ (वाराणसी) को अवैध बताने व नोटिस के विरोध में बीएचयू के छात्रों का विरोध प्रदर्शन
![Varanasi News: BHU students protest against BJP government declaring Sarva Seva Sangh (Varanasi) as illegal and notice](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/2cb5324ab0494d4822076205bf10d8aa.jpeg?width=963&height=520&resizemode=4)
Varanasi News: लंका गेट पर भाजपा सरकार द्वारा सर्व सेवा संघ को ध्वस्त करने के खिलाफ BHU के छात्र छात्राओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया और कहा गया कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार डॉ राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, विनोबा भावे, लाल बहादुर शास्त्री, बाबू जगजीवन राम, मौलाना आज़ाद व जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित सर्व सेवा संघ को अवैध बताकर ध्वस्त करने की बात कर रही है। यह महात्मा गांधी के विचारों पर हमला है। देश की जनता राष्ट्रीय विरासत पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगी।
बापू की हत्या के बाद 1948 में राजेन्द्र बाबू , नेहरू जी और विनोबा भावे जैसे राष्ट्रनायकों ने गाँधी विचार को लाखों गांवों तक ले जाने के लिए सर्व सेवा संघ की स्थापना की। समाज को हिंसा घृणा कट्टरता और अंधेरे के रास्ते से बचाकर करुणा दया रचनात्मकता, प्रेम और प्रकाश के रास्ते पर ले आने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम बनाया।
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बीजेपी सरकार बनारस में उसी सर्वोदयी संस्थान को अवैध बताकर तोड़ना चाह रही है। हम बीएचयू के छात्र - छात्रा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बीजेपी की इस साजिश की मुख़ालफ़त करते हैं, नकारते हैं। हम सब सर्व सेवा संघ के समर्थन में एकजुटता में साथ खड़े हैं।
लड़ाई साफ है एक ओर सावरकर और नाथूराम को प्रेरणा मानने वाले हैं दूसरी ओर महात्मा गांधी को मानने वाले हैं। चूंकि आज सावरकर को मानने वाले कुर्सियों पर काबिज़ है इसलिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विरासत पर हमला है। रेलवे प्रशासन ने पैसे लिए है अपने अकाउंट में। रेलवे के अधिकारियों के सेल डीड पर हस्ताक्षर हैं। 1960 में बने कागज पर 2023 में सवाल उठाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कागज जाली है।
सिर्फ इतना ही नही रेलवे और सर्व सेवा सँघ का आपस मे गहरा नाता रहा है। भारत के हर रेलवे स्टेशन पर सर्वोदय प्रकाशन के बुक स्टॉल हैं। आज भी रेलवे टाइम टेबल के किताबो के पन्ने पलटिये तो आप पाएंगे कन्सेशन नियम कें पन्ने पर सर्व सेवा संघ के सम्मेलन के लिए रेल भाड़े में कन्सेशन के नियम लिखे हुए है। किसी अन्य ट्रस्ट संस्था के लिए क्या रेलवे ऐसा करती है ?
अंग्रेजो से लड़कर आजादी लेने वालों ने सर्व सेवा संघ बनाया। उन्ही में से कुछ ने राजसत्ता की बागडोर थामी। तब के समय लोकसेवकों की ये फौज जो गाँव से बापू के ग्राम स्वराज का सपना सिद्ध करने निकली थी और कांग्रेस पार्टी जो बापू के हिन्द स्वराज को लागू करने निकली थी लगभग एक तल पर सोच समझ रख रहे थे।
इसलिए तब से आज तक कोई अड़चन नही आई,कंही दिक्कत नही हुई। दिक्कत तब हुई है जब बापू की हत्यारी सोच समाज में जगह पाने लगी है। नाथूराम के समर्थक सड़को पर सार्वजनिक जगहों पर खुलेआम दिखने लगे है। बापू की निंदा करने वाले राजनैतिक मंचो पर आने लगे हैं।
इन लोगो से हमें सचेत ढंग से लड़ना होगा। सावरकर नाथूराम के समर्थक बापू की विचारधारा के ज़गह को सम्मान दें ये तो होना ही नहीं था। हमे एकजुट होकर इनकी मुख़ालफ़त करनी होगी। अहिंसा और सत्य का रास्ता दृढ़ता से अपनाने का समय आ गया है।
हम बीएचयू के छात्र छात्रा संकल्प लेते हैं कि बापू के विचारों से उनके सपनों का भारत बनाने के लिए काम करेंगे। हम सर्व सेवा संघ परिसर बचाने की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर सर्वोदयी साथियो के साथ खड़े रहेंगे।
सभा में प्रमुख रूप से मारुति मानव, इंदु पाण्डेय, मारुति मानव, समरेंद्र, उमेश, राजेश, जितेंद्र, रैनी, प्रियदर्शन, विनय, मोहित, प्रिंस यादव, संदीप, शशि, अमरेंद्र, शुभम, पियूष, शिवराज, धनंजय आदि मौजूद रहे।