Varanasi News: नगर निगम ने विदेशी नस्ल के कुत्तों पर लगाया बैन, किया विचार विमर्श
Varanasi News: जबड़ों के बढ़ते आतंक को देखते हुए नगर निगम अति आक्रामक विदेशी नस्ल के कुत्ते पिटबुल, रॉटविलर और डाबरमैन को प्रतिबंधित करेगा। उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में नगर निगम ने इन कुत्तों को प्रतिबंधित करने का मसौदा पेश करने के साथ ही ऐसा करने का सुझाव दिया है।
नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख करते हुए देशी कुत्तों को पालने वालों के प्रोत्साहन की वकालत की है। उनका कहना है कि विदेशी नस्ल के कुत्तों को प्रतिबंधित करके समाज में कुत्तों के प्रति व्याप्त भय को कम किया जा सकेगा।
चलाए गए अभियान के बाद पहली बार सरकार श्वान पशु प्रबंधन मैनुअल का ड्राफ्ट तैयार कर रही है। सरकार यह निर्धारित करने जा रही है कि कुत्ता पालने वालों को किन-किन नियमों का पालन करना होगा।
श्वान पशु प्रबंधन मैनुअल के एसओपी के तहत अब कुत्ता पालने वाले को घर के अंदर चार गुणे पांच फीट की जगह निर्धारित करनी होगी। साथ ही जब भी कुत्तों को सार्वजनिक जगहों पर ले जाएंगे, उसके मुंह पर मजल यानि जाबी लगानी होगी। कुत्तों के शौच के लिए निर्धारित जगहों पर ही उन्हें ले जाना होगा।
साथ ही उसकी साफ-सफाई का उत्तरदायित्व निर्धारण भी श्वान मालिक का होगा। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ चेतावनी, एफआईआर, रजिस्ट्रेशन निरस्तीकरण के साथ ही जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने बुलाई बैठक - कुत्तों के बढ़ते आतंक का संज्ञान लेते हुए नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सभी नगर निगमों की गुरुवार को लखनऊ में बैठक बुलाई और जबड़ों पर प्रभावी रोक के लिए सभी से सुझाव लिए।
इस बैठक में उन एनजीओ को भी बुलाया गया था जो कुत्तों के बंध्याकरण से लेकर टीकाकरण में सहयोग कर रहे हैं। बैठक में श्वान पशु प्रबंधन मैनुअल को लागू करने के लिए नगर निगमों के भेजे गए सुझावों पर मंथन हुआ। दिए गए सुझावों को नगर निगम अधिनियम में जोड़ते हुए नियम बनाया जाएगा।
ब्रीडिंग सीजन के इतर घटती घटनाओं ने चौंकाया - नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डाॅ. अजय प्रताप सिंह बताते हैं कि आम तौर पर कुत्तों के काटने की सबसे ज्यादा घटनाएं उनके ब्रीडिंग सीजन सितंबर से अक्टूबर के बीच में होती है, लेकिन देश में घटी कई घटनाएं उनके आफ ब्रीडिंग सीजन में हुई।
वह मानते हैं कि कुत्ते जब भूखे होते हैं तो चिढ़ते हैं और लोगों को काटने के लिए दौड़ाते हैं। हालांकि, वह यह भी कहते हैं कि हिंसक घटनाओं पर अगर नजर डाली जाए तो उसे अंजाम देने वाले ज्यादातर विदेशी नस्ल के ही कुत्ते रहे हैं। नियम बन जाने से निगम प्रभावी एक्शन ले सकेगा।