Varanasi News: काशी में कांची के शंकराचार्य की निकली शोभायात्रा, काशी विश्वनाथ की पूजा कर लेंगे संकल्प
Varanasi News: काशी में कांची के शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती की शोभायात्रा आरंभ हुई। महमूरगंज से निकली शोभायात्रा में काशी के संत समाज ने शंकराचार्य का स्वागत किया। शोभायात्रा में काशी की कला के विविध रंग भी बिखरे।
बुधवार रात आठ बजे महमूरगंज स्थित रमन निवास से कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती की शोभायात्रा आरंभ हुई। शोभायात्रा का शुभारंभ बटुकों के शंखनाद से हुआ। यात्रा में नादस्वरम का वादन करते कलाकार चल रहे थे। इसके बाद श्रीगणेश की प्रतिमा, बैंड बाजे व डीजे के साथ शिव पार्वती की झांकी, फिर 21 लोगों का दल डमरू वादन करते हुए चल रहा था।
पीछे वाले रथ पर आदि शंकराचार्य का चित्र, इसके बाद शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती, स्वामी परमाचार्य और शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती का तैलचित्र श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा गया था।रथयात्रा चौराहे पर एमएलसी अशोक धवन ने शंकराचार्य का फूल-माला से स्वागत किया। सोनारपुरा चौराहा पर 51 दंडी स्वामी ने शंकराचार्य का अभिनंदन किया।
रास्ते भर श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, फल आदि का इंतजाम किया गया था। यात्रा के दौरान बटुक श्रद्धालुओं को चंदन का तिलक लगा रहे थे। रास्ते भर विभिन्न सामाजिक समितियों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों व प्रबुद्धजनों ने पुष्प वर्षा कर शंकराचार्य का स्वागत किया।
रास्ते भर 11 स्थानों पर शंकराचार्य की आरती उतारी गई। शोभायात्रा महमूरगंज से रथयात्रा, लक्सा, गोदौलिया, मदनपुरा, सोनारपुरा, हनुमान घाट होते हुए चेतसिंह किला पहुंची। किले में स्वागत के बाद शंकराचार्य की चरण पादुका का पूजन हुआ।
शंकराचार्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती गुरुवार को बाबा विश्वनाथ का रुद्राभिषेक करके काशी में चातुर्मास की अनुमति लेंगे। 88 दिनों तक शंकराचार्य काशी में प्रवास करेंगे। इन 88 दिनों की अवधि में हवन, यज्ञ, वैदिक सम्मेलन, शास्त्र सम्मेलन अद्वैत सभा सम्मेलन, अग्निहोत्र सभा सम्मेलन, ब्रह्मसूत्र भाष्य सभा सम्मेलन, शास्त्रीय संगीत सभा सम्मेलन (कर्नाटक एवं हिन्दुस्तानी), शास्त्रीय नृत्य सम्मेलन, लोकगीत सम्मेलन, संस्कृत नाट्य सम्मेलन, पुराणों का प्रवचन, ज्योतिष सम्मेलन, विद्वत् मिलन, योग शिविर तथा योग सम्मेलन, वेद विद्यार्थी सम्मेलन का कार्यक्रम होगा।