Varanasi News: साक्ष्य के अभाव में दो आरोपी हुये दोषमुक्त
Varanasi News: जनपद की अपर सिविल जज (जू.डि.) की अदालत ने दो आरोपियों को आज दोषमुक्त कर दिया है। बताया जाता है कि मुकदमा संख्या - 27807/2020 धारा 457, 427,323, 504, 506 जिसके सम्बन्ध में थाना चेतगंज वाराणसी में मुअसं. 107/2020 में आरोपी बनाये गये पुनीत कुमार साहू व सुमित कुमार साहू निवासी सेनपुरा, चेतगंज वाराणसी को आज साक्ष्य के अभाव में न्यायालय अपर सिविल जज (जू.डि.) की अदालत ने आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है।
वहीं अदालत में अपने निर्णय में कहा है कि अभियुक्तगण पुनीत कुमार साहू व सुमित कुमार साहू के विरूद्ध पुलिस थाना चेतगंज वाराणसी में अन्तर्गत धारा 457, 427,323, 504, 506 आईपीसी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया, जिसके आधार पर अभियुक्तगण का विचारण इस न्यायालय द्वारा किया गया।
संक्षेप में अभियोजन कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 14/7/2020 को समय करीब 10.30 बजे अभियुक्त गण द्वारा वादी मुकदमा से किराये के विवाद को लेकर वादी मुकदमा के घर में घुसकर वादी मुकदमा के साथ मारपीट किये, गाली गुप्ता दिये, जान से मारने की धमकी दिये तथा वादी मुकदमा के घर गृहस्थी का सामान तोड़कर नुकसान कारित किया गया।
आरोप पत्र प्रसंज्ञान लिया गया एवं अभियुक्तगण के द्वारा न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर जमानत करायी गयी। अभियुक्तगण को धारा 207 द.प्र.सं. के तहत अभियोजन प्रपत्रों की नकलें प्रदान की गयी। अभियुक्तगण पुनीत कुमार साहू व सुमित कुमार साहू के खिलाफ धारा 457, 427, 323, 504, 506 आईपीसी के तहत आरोप विरचित किया गया। अभियुक्तगण ने आरोप से इंकार किया और विचारण की याचना की।
अभियोजन की ओर से अभिलेखीय साक्ष्य के साथ-साथ मौखिक साक्ष्य में दीपक कुमार गुप्ता, शिव कुमार गुप्ता, कर्ण कुमार जायसवाल, कालीचरण गुप्ता के रूप में परीक्षित कराया गया है। अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अभियोजन प्रपत्रों की औपचारिक वैधता को धारा 294 द.प्र.सं. के तहत स्वीकार किया गया तथा अभियोजन का साक्ष्य के अवसर को समाप्त किया गया।
अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्षीगण के बयान से अभियोजन कथानक संदेह की परिधि में आता है। न्याय का यह सुस्थापित सिद्धान्त है कि प्रत्येक संदेह का लाभ अभियुक्तगण को दिया जायेगा। इस सम्बन्ध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विधि व्यवस्था एच पी एड मेनिस्ट्रेशन बनाम ओम प्रकाश एआईआर 1972 सुप्रीम कोर्ट 975 में यह अवधारित किया गया है कि प्रत्येक संदेह का लाभ अभियुक्तगण को दिया जायेगा।
इसी प्रकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विधि व्यवस्था हरेन्द्र बनाम आसाम राज्य एआईआर 2008 सुप्रीम कोट्र अवधारित किया है कि अभियोजन को अपना पक्ष अभियुक्तगण के विरूद्ध प्रत्येक संदेह से सिद्ध करना होगा एवं संदेह का लाभ अभियुक्तगण को दिया जायेगा।
उपरोक्त सम्पूर्ण की गयी विश्लेषण के आधार पर न्यायालय इस मत की अभियुक्तों पर आरोप साबित नहीं है। उल्लेखनीय है कि अभियोजन कथानक का समर्थन नहीं किया गया। इस प्रकार पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, जिससे कि अभियुक्तगण के विरूद्ध उनको युक्तियुक्त संदेह से परे साबित माना जा सके। अतः अभियुक्तगण दोषमुक्त किये जाने योग्य है।
वहीं दोनो पक्षों के पक्ष को सुनने के बाद न्यायालय ने कहा कि मुअसं. 107/2020 थाना चेतगंज में अभियुक्त पुनीत कुमार साहू व समित कुमार साहू को आरोप अन्तर्गत धारा 457, 427,323, 504, 506 आईपीसी से दोषमुक्त किया जाता है।
वहीं अभियुक्त पक्ष की ओर से अधिवक्ता कुलदीप गुप्ता, हृदयानन्द यादव, सत्यम गुप्ता व रवि कुमार ने पक्ष रखा।