World famous Bharat Milap of Kashi: काशी की विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप देख भाव विभोर हुये लोग
World famous Bharat Milap of Kashi: प्रभु श्री रामचंद्र, लक्ष्मण और मां सीता 14 वर्ष वनवास के बाद जब पुष्पक विमान से वापस अयोध्या लौटे तो भरत प्रभु को देख कर भूमी पर लेट जाते हैं और उनके आखों से सागर रूपी करुण कुंदन बहने लगता है। प्रभु श्री राम उनके पास जाते हैं और भरत को उठा कर अपने ह्यदय से लगा लेते हैं।
लक्ष्मण और शत्रुघ्न भी 14 वर्षों के बाद एक दूसरे को देखते ही गले लग कर रोने लगते हैं। चारों भाइयों का मनमोहक मिलाप देख कर नाटी इमली भरत मिलाप मैदान में खड़े लीला प्रेमियों की आंखें भी मानों नम हो गईं।
विश्व प्रसिद्ध और काशी के लक्खा मेलों में सुमार श्री चित्रकूट रामलीला समिति के भरत मिलाप पर बुधवार शाम अस्ताचलगामी सूर्य की पीली रोशनी में जब भरत मिलाप का मंचन शुरु हुआ तो पूरा मैदान प्रभु श्री राम के जयगारे से गूंज उठा।
रावण दहन के ठीक दूसरे दिन नाटी इमली मैदान में विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप लीला का मंचन किया गया। ऐतिहासिक भरत मिलाप को देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ दोपहर 12:00 बजे से ही मैदान में उमड़ पड़ी थी।
प्रभु श्री रामचंद्र लंका में रावण का वध कर मां सीता, भाई लक्ष्मण और हनुमान के साथ पुष्पक विमान पर सवार होकर भरत मिलाप मैदान नाटी इमली पहुंचते हैं, जहां पर अयोध्या में भरत और शत्रुघ्न मौजूद रहते हैं। हनुमान प्रभु श्रीराम को जाकर बताते हैं कि उनके दोनों अनुज भ्राता उनसे मिलने के लिए व्याकुल हैं।
चारों भाइयों का जैसे सामना होता है वैसे ही भरत और शत्रुघ्न भूमी पर लेट जाते हैं। प्रभु श्री रामचंद्र और लक्ष्मण दौड़ कर उनके पास जाते हैं और उन्हें उठा कर अपने सीने से लगा लेते हैं। इस अवसर पर नेमियों ने रामचरितमानस की चौपाइयां पढ़नी शुरू की तो सूर्य की पीली रोशनी भी भारत मिलाप मैदान में बने चबूतरे की ओर अपना प्रकाश बिखरने लगी।
तीन मिनट की लीला देख श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। प्रभु श्री रामचंद्र समेत चारों भाइयों के जयकारे और हर-हर महादेव की गगनभेदी जयकारों से पूरा माहौल भक्ति में हो गया।
श्री चित्रकूट रामलीला समिति के अध्यक्ष और भरत मिलाप आयोजन के व्यवस्थापक बाल मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि मेघा भगत के स्वप्न में भगवान श्रीराम आकर दर्शन दिए थे और यहां भरत मिलाप कराने का निर्देश दिया। मान्यता है कि नाटी इमली के भरत मिलाप में स्वय भगवान श्रीराम उपस्थित होते हैं।
हर वर्ष की भर्ती की स्पर्श भी यादव बंधुओ ने पुस्तक रूपी भगवान से रामचंद्र का रथ अपने कंधे पर उठाकर रामलीला मैदान तक पहुंचा। इस दौरान यादव बंधु अपने पारंपरिक वेशभूषा गमछा, गंजी और सर पर साफा बांधे हुए थे।
रामलीला मैदान में काशी नरेश कुवंर अनंतनारायणन सिंह को जिला प्रशासन के द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान डमरू दल ने डमरू वादन से काशी नरेश का लीला मैदान में स्वागत किया। कुंवर अनंत नारायण सिंह शाही सवारी (हांथी) पर बैठ कर लीला मैदान का चक्कर लगाया और लोगों का अभिवादन किया।
काशी के लक्खा मेलों में से एक भारत मिलाप में होने वाली भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन बुधवार सुबह से ही नाटी इमली मैदान के चारों ओर बैरिगेटिंग कर मुस्तैद थी। अपर पुलिस आयुक्त एस. चिनप्पा, डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम, एडीसीपी काशी चंद्रकांत मीणा, एडीसीपी महिला अपराध ममता रानी के साथ ही एसीपी चेतगंज के साथ थाना प्रभारी चेतगंज, सिगरा, जैतपुरा, कोतवाली और आदमपुर इंस्पेक्टर समेत पीएसी के जवान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहे।